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बड़ा तालाब शहर का बहुत बड़ा स्रोत है
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आसान काम नहीं है बड़ा तालाब की सफाई
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एक तालाब से अनेक इलाकों को होगा फायदा
राष्ट्रीय खबर
रांचीः इस बारे में ज्यादा जानकारी रखने वाले एक विशेषज्ञ विजय कुमार ने कहा कि पूरे रांची के भूगर्भस्थ जलस्तर में अगर सुधार करना है तो इसकी पहल बड़ा तालाब से करनी पड़ेगी। इस तालाब में लगातार पानी के बहाव के साथ साथ ढेर सारा कचड़ा नीचे जमा हो गया है। इसमें पशु पक्षियों के शवों के अलावा मूर्ति विसर्जन का मलबा और पानी के साथ आने वाला कचड़ा भी है।
यह सभी कुछ मिलकर पानी के अंदर मिथेन गैस पैदा कर रहे हैं जो पानी को जहरीला बनाते हैं। इसलिए वहां कमसे कम दस फीट तक ड्रेजिंग करना पड़ेगा। यह काम कोई छोटा काम नहीं है और इसमें कमसे कम आठ दस माह लगेंगे। एक बार दस फीट की गहराई तक की सारा कचड़ा साफ होने के बाद आस पास के इलाकों में जमीन के नीचे का जलस्तर फिर से बढ़ने लगेगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि अपर बाजार की तरफ से आने वाली गंदे जल को प्रवाह तो तालाब में जाने से रोकने के लिए सिवरेज ट्रिटमेंट प्लांट बनाया जाना चाहिए। वहां से साफ पानी को दोबारा तालाब में डाला जा सकता है जबकि सफाई के दौरान निकला कचड़ा खाद के तौर पर किसी को दिया जा सकता है।
इसी तरह अन्य तालाबों की गहराई बढाकर भी जलसंकट को काफी दूर किया जा सकता है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जिस तरीके से आबादी बढ़ रही है। उसके अनुपात में तालाबों की निरंतर सफाई की आवश्यकता रहेगी क्योंकि हर बार पानी के साथ आने वाला कचड़ा जल रिसाव का रास्ता रोक देता है।
साथ ही उन्होंने कहा कि गंदगी की वजह से पूरे बड़े तालाब में एल्गी भर गया है। इसी वजह से वहां का पानी हरा नजर आता है। इस एल्गी की भी नियमित सफाई की आवश्यकता है। इससे पानी और साफ होगा और यह वाकई लोगों के लिए एक पर्यटन केंद्र बनकर उभरेगा, जहां लोग समय व्यतीत करना पसंद करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि भूसंरचना की जानकारी रखने वाले वैज्ञानिक जानते हैं कि जमीन की गहराई में भी नदी की तरह पानी का प्रवाह निरंतर होता है। इसलिए अगर एक बड़ा तालाब से जमीन के अंदर के पानी का रिचार्ज प्रारंभ हो गया तो धीरे धीरे यह पूरे शहर के जलस्तर को बेहतर बनाता चला जाएगा।
जमीन की गहराई में सारे एक जल भंडार और अधिक गहराई में एक ही हो जाते हैं। लिहाजा एक बड़ा तालाब का जलस्तर सुधरना और वहां के जल की गुणवत्ता में सुधार होने की सीधा असर पूरे शहर की सेहत पर भी पड़ेगा। वरना अभी जो हालात है, उसमें बड़ा तालाब का पानी मुंह में तो क्या शरीर में डालने पर भी परेशानी हो सकती है। (जारी)