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बबरगंज में बम विस्फोट की घटना में एक की मौत, तीन घायल

घटनास्थल पर खुद पहुंचे एसएसपी आनंद कुमार

मृतक और घायल एक ही परिवार के लोग हैं

मुख्यालय ने फोन पर घटना की जानकारी ली

दीपक नौरंगी

भागलपुर: बबरगंज थाना क्षेत्र के हुसैनाबाद स्थित कुरेशी टोला में हुए भीषण बम धमाके में अब्दुल गनी उर्फ बीडल के पुत्र तौसीफ आलम की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। वही मृतक तौसीफ की मां सुल्ताना खातून एवं छोटी बहन आसिफा और चाचा मोहम्मद मनान भी बम विस्फोट में घायल हुए है।

शनिवार को देर शाम तक डीजीपी आर एस भट्टी से लेकर कई अपर पुलिस महानिदेशक के द्वारा घटना की जानकारी टेलीफोन के माध्यम से भागलपुर रेंज के डीआईजी से ली है। इससे पता चलता है कि पुलिस मुख्यालय भागलपुर में हुए बम विस्फोट के मामले में काफी गंभीर हुआ है और डीजीपी के निर्देश के बाद एक विशेष जांच टीम को भागलपुर भेजा गया है पुलिस मुख्यालय के कई सीनियर पुलिस पदाधिकारी यह जानना चाह रहे हैं कि आखिर भागलपुर में बम कौन लोग बना रहे हैं हर बम बनाने की सामग्री कहां से आ रही है

इस बिंदु पर वरीय पदाधिकारियों की विशेष नजर है भागलपुर सीनियर एसपी आनंद कुमार शनिवार को देर शाम तक बम विस्फोट की घटना स्थल पहुंचकर कई लोगों से पूरे मामले की जानकारी लिए हैं स्थानीय लोग पुलिस को सही बात बताने से परहेज कर रहे हैं रविवार के दिन में ही बम विस्फोट के घटनास्थल पर एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (एटीएस) की टीम जांच के लिए सुबह पहुंची है।

एटीएस टीम के अफसरों ने घटनास्थल पर कई जगह से सैंपल इकट्ठा किया है। कुछ जगह गोल घेरे से चिन्हित कर दिया है। मकान का मलबा हटाने के बाद आसपास बारूद की गंध फैली हुई है। आसपास के लोगों ने कहा कि सिलेंडर नहीं बल्कि बारूद से विस्फोट की घटना हुई है।

मकान के कई दीवारों पर बारूद के स्पष्ट निशान एटीएस की टीम को भी मिला है। उन स्थानों को भी एटीएस ने चिन्हित किया है। पुलिस थानों से एफएसएल टीम ने भी जांच के लिए नमूनों को इकट्ठा किया है। मौके पर सिटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी, बबरगंज थानेदार राजरतन, एसआई राहुल कुमार समेत एसएसपी आनंद कुमार द्वारा गठित टीम के कई पदाधिकारी एवं कर्मी कैम्प किये हुए हैं। घटना के बाद इलाके में दहशत की स्थिति है घटनास्थल पर आसपास के इलाकों के लोग भी जानकारी लेने के लिए पहुंच रहे हैं।

पांच सालों के दौरान कई बड़ी बम विस्फोट की घटना

भागलपुर शहर में बार-बार बम विस्फोट की घटनाएं हो रही है पांच सालों के दौरान कई बड़ी बम विस्फोट की घटना हुई है लेकिन पुलिस बम विस्फोट के मामले के तहत तक यदि जाकर अनुसंधान करती तो संभवत हो रही बम विस्फोट की घटना में कहीं न कहीं विराम लगता सवाल तो यह उठता है कि केंद्रीय जांच एजेंसी भी भागलपुर के बड़े बम विस्फोट के मामले को कहीं ना कहीं नजरअंदाज करती है आ रही है नहीं तो शहर में बम बनाने के केमिकल और बारूद और अन्य समान कैसे यहां आते हैं और स्थानीय तौर पर कौन अपराधी बम बनाने में शामिल है पुलिस को बम विस्फोट के मामले में तह तक नहीं पहुंचेगी तब तक सही अपराधी की पहचान होना भी संभव नहीं है यदि सही में बम विस्फोट या बम बनाने वाले अपराधी जेल की सलाखों के पीछे रहेंगे तो बम विस्फोट की घटनाओं में कमी देखी जा सकती है।

 

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