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अगली बैठक शिमला में जुलाई में होगी
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ममता के फार्मूले पर आगे बढ़ी है गाड़ी
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राहुल ने शिष्टाचार निभाया और खडगे बोले
राष्ट्रीय खबर
पटना: लोकसभा चुनाव में विपक्ष की रणनीति तय करने के लिए पटना में 17 विपक्षी दलों की बैठक में सभी ने शुरुआत में साथ मिलकर लड़ने के फैसले पर सहमति जताई है। इसी सोच के तर्ज पर शहर में जो पोस्टर लगाये गये थे, उसमें भी दलों का नहीं दिलों का महागठबंधन को स्थान दिया गया था।
वैसे बैठक से छनकर आयी सूचनाओं के मुताबिक इस सोच को अमली जामा पहनाने में अभी कई अवरोध है। इसलिए समय की मांग को समझते हुए सभी ने सहमति का क्रम आगे जारी रखने पर भी सहमति जतायी है। इसका मकसद भाजपा के खिलाफ पूरे देश में एक बड़ा प्लेटफॉर्म तैयार करना है। इसमें बदले राजनीतिक समीकरण के बीच दूसरे राजनीतिक दल भी शामिल हो सकते हैं।
वैचारिक तौर पर कांग्रेस, जदयू, राजद, तृणमूल, राकांपा, पीडीपी सभी अपने छोटे-मोटे मतभेदों को किनारे रखकर भाजपा विरोधी एकजुट होना चाहते हैं। पटना में विपक्ष की पहली बैठक में अगली बैठक की तारीख तय हो गयी है। विपक्षी दलों की अगली बैठक 10 या 12 जुलाई को शिमला में होगी।
17 विपक्षी पार्टियां एक के मुकाबले एक के फॉर्मूले पर तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की राह पर चलकर 24 की वोट रणनीति तय कर रही हैं। राष्ट्रीय राजनीति के वरिष्ठ राजनेताओं में अधिकांश बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर विपक्षी दलों के शीर्ष नेता शुक्रवार को पटना में मौजूद थे।
कांग्रेस के साथ तनावपूर्ण राजनीतिक रिश्तों के बावजूद नीतीश के बुलावे पर आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल बैठक में शामिल हुए। हालांकि, चार घंटे की बैठक के बाद केजरीवाल और डीएमके नेता स्टालिन निकल गये। प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में नीतीश कुमार ने अपनी बात रखी। उन्होंने सबसे पहले विपक्ष की एकजुटता की बात कही।
उन्होंने कहा, बहुत अच्छी चर्चा हुई। हम सभी इस बात पर सहमत हुए हैं कि हम चौबीस के वोट के लिए एक साथ लड़ेंगे। भाजपा विरोधी ताकतें मजबूत हो रही हैं। वर्तमान केंद्र सरकार तमाम जनविरोधी नीतियां अपना रही है, जो न तो वांछनीय है और न ही स्वीकार्य है। इतिहास बदलने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद उन्होंने कहा, हम अगले महीने फिर मिलेंगे। विपक्ष की बैठक 10 या 12 जुलाई को शिमला में होने की संभावना है।
नीतीश कुमार के बाद कांग्रेस के राहुल गांधी को बोलने के लिए आगे किया गया है। हालांकि, राहुल ने शिष्टाचार बनाए रखा और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से पहले बोलने का अनुरोध किया। फिर उन्होंने अपने भाषण में भाजपा सरकार की ‘तानाशाही’ के खिलाफ लड़ाई का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि आपसी छोटी-मोटी असहमतियों को फिलहाल किनारे रख देना चाहिए और विपक्ष की एकता को मजबूत करना चाहिए। यही स्वर तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की आवाज में भी सुनाई दिया। उनका कहना था, हम सिर्फ विपक्ष नहीं, बल्कि देश का हिस्सा हैं। मणिपुर में कोई समस्या होती है तो हमें भी चिंता होती है। भाजपा जो कर रही है वह देश के लिए ठीक नहीं है।
इसे बदलने की जरूरत है। काफी दिनों बाद बैठक में आये लालूजी बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं। मुफ़्ती, उमर सब यहीं हैं। हम सब मिलकर लड़ेंगे। लंच ब्रेक डेढ़ बजे होना था। लेकिन नेता दोपहर का खाना खाना भूल कर चर्चा में व्यस्त रहे।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुझाव दिया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्ष के बीच समझ बनाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभानी चाहिए। बैठक में मौजूद कई अन्य नेताओं ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई। हालांकि, नीतीश ने खुद इस प्रस्ताव पर कोई टिप्पणी नहीं की।
शादी कीजिए, हम बाराती बनेंगेः लालू प्रसाद, देखें वीडियो
बिहार की राजधानी पटना में आज विपक्षी दलों की बड़ी बैठक हुई। इस बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की जमकर तारीफ की।
लालू यादव ने कहा कि राहुल गांधी अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने अदाणी का मुद्दा उठाकर भी बढ़िया काम किया है। इस दौरान लालू प्रसाद यादव ने राहुल गांधी को शादी नहीं करने को लेकर भी टोका।
तमाम विपक्षी नेताओं के बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में लालू प्रसाद यादव ने कहा कि अब राहुल गांधी को शादी कर लेनी चाहिए, अभी भी समय है। लालू ने कहा कि सोनिया गांधी बताती हैं कि राहुल उनकी बात नहीं मानते।
आप शादी करेंगे तो हम सभी लोग आपकी बारात में शामिल होंगे। लालू की यह बात सुनकर सभी लोग ठहाके लगाने लगे। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि आप कह रहे हैं तो शादी भी हो जाएगी।