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मणिपुर में अब उपद्रवियों के निशाने पर भाजपा नेता

विभिन्न इलाकों में रातभर सुरक्षाबलों से संघर्ष

  • क्वाक्ता विस्फोट की जिम्मेदारी के लिए 48 घंटे

  • इंफाल पूर्व में हथियार बंद लोगों ने फायरिंग की

  • इरिंगबाम पुलिस थाना से हथियार ले गये लोग

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी: मणिपुर में हालात काबू में नहीं हैं. पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। शुक्रवार फिर इंफाल में सुरक्षाबलों और भीड़ के बीच झड़पें हुई हैं। इसमें दो लोग घायल हो गए हैं। भीड़ ने भाजपा नेताओं के घरों में आग लगाने की कोशिश की है।

कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सुरक्षाकर्मी हाई रिस्क वाले इलाकों में पेट्रोलिंग कर रहे हैं।इसके अलावा, एक भीड़ ने इंफाल पश्चिम में इरिंगबाम पुलिस स्टेशन पर फिर से हमला किया और हथियार लूटने की कोशिश की।

हालांकि, सूत्र ने कहा कि कई हथियार ले  गए हैं। ताजा घटनाक्रम के बाद नए सिरे से रणनीति बनाकर उपद्रवियों से निपटा जा रहा है। सेना, असम राइफल्स और मणिपुर रैपिड एक्शन फोर्स ने मोर्चा संभाला है और भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने के लिए राजधानी में आधी रात तक एक संयुक्त मार्च निकाला है।

बिष्णुपुर जिले के क्वाक्ता इलाके में उच्च तीव्रता वाले आईईडी बम विस्फोट के बाद क्वाक्ता इलाके ने उपद्रवी समूहों को आगे आने और जिम्मेदारी लेने के लिए 48 घंटे की समय सीमा निर्धारित की है। इस निर्णय को 22 जून को रात में क्वाक्ता बाजार में एक आम जनसभा के बाद लिए गए संकल्प के रूप में घोषित किया गया था।

मेइतेई पंगल बौद्धिक मंच के महासचिव रफी शाह ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि विस्फोट की दुर्भाग्यपूर्ण घटना बिष्णुपुर जिले और चर्चनपुर जिले को जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण पुल पर हुई। उन्होंने बताया कि घटना में चार लोग घायल हुए हैं और उनमें से दो की मौत हो गई है।

उन्होंने आगे कहा कि विस्फोट स्थल क्वाक्ता एक मुस्लिम आबादी वाला क्षेत्र है जो चुराचंदपुर और बिष्णुपुर जिलों के बीच एक बफर क्षेत्र बन गया है। उक्त स्थान जातीय संघर्षों में लगे दोनों समुदायों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का आनंद लेता है।

स्थानीय लोगों ने सूचित किया है कि क्वाक्ता में एक विस्फोट को अन्य समुदायों के साथ क्वाक्ता जनता के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बाधित करने के प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि पुल से करीब 200 मीटर की दूरी पर स्थित मकान छर्रे लगने से प्रभावित हो गए।

बम विस्फोट के अगले दिन भारतीय सेना के साथ केंद्रीय फोरेंसिक विशेषज्ञ घटनास्थल पर पहुंचे और जांच शुरू हुई। बिष्णुपुर जिले के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जांच जारी है। स्थानीय विधायक टी शांति भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने घटना की निंदा की।

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