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रांचीः जंगली हाथी के बारे में कहा जाता है कि वह चलता हुआ एक दिन में चालीस मील तक की दूरी तय कर सकता है। इसलिए अनगड़ा के जंगलों में रहने वाले दो जंगली हाथी कभी भी दूसरे इलाकों में भी तबाही मचा सकते हैं। ग्रामीणों से लगातार शिकायत मिलने के बाद भी वन विभाग ने अब तक इन दोनों हाथियों को अपने सही मार्ग तक पहुंचाने में कोई पहल तक नहीं की है।
दूसरी तरफ इलाके के किसान हाथियों द्वारा की जा रही फसल की बर्बादी से परेशान है। शुक्रवार की सुबह तीन बजे के समीप कुच्चू के बाड़िनबेड़ा निवासी किसान लखीराम बेदिया के दो एकड़ में लगी आम बगान को तहस-नहस दिया। इन हाथियों ने आम बगान में लगे उन्नत किस्म के 50 पेड़ को तोड़कर बर्बाद कर दिया। सभी फलदार पेड़ थे।
साथ ही आम बगान की घेराबंदी को तोड़ दिया। सूचना मिलते ही कुच्चू मुखिया सहदेव बेदिया घटनास्थल पहुंचे व हुए नुकसान का जायजा लिया। पिछले एक पखवाड़े से दोनों हाथी इन कुच्चु, सुरसू, कुतूरलोवा, हरजालुम, बंधुवाडीह, मैनीछापर, सिंगारी, बेंती आदि गांव में आतंक मचा रखा है। हाथियों के लगातार आतंक से दिन में भी ग्रामीण जंगल जाने से डर रहे है।
शाम में ही लोग अपने अपने घरों में दुबक जा रहे है। हाथियों के आतंक के कारण दर्जनों गांव में अघोषित कफयू लगा हुआ है। लोगों की शिकायत है कि बार बार वनविभाग को इसकी जानकारी दी जाती है, लेकिन वनविभाग पूरी तरह से सुस्त है। हाथियों को भगाने का वनविभाग कोई प्रयास नहीं कर रहा है।
हाथियों ने गत 30 मई को हरजालुम गांव में दिन के उजाले में ही आतंक मचाया। 31 मई को सिंगारी-कोरांबे मार्ग में साप्ताहिकी बाजार करके आ रहे बंधुवाडीह निवासी शंकर बेदिया का आटो व मातकमडीह निवासी जयराम बेदिया की बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया। 5 जून को पैना पहाड़ विश्व पर्यावरण मेला में शाम छह बजे हमला कर दिया।
इससे मेला घूमने आये लोगों में दहशत फैल गई। भागने के क्रम में कई लोग गिर गये। जिससे अनेक को चोट लगी। सुरसू घाटी में एक जंगली हाथी ने बीच सड़क में एक ऑटो और बाइक सवार पर हमला कर दिया। हमले के बाद लोग अपनी जान बचाकर भाग निकले। इस हमले में किसी की हताहत होने की खबर नहीं है। लेकिन ऑटो और बाइक को हाथी ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया और सड़क के बीचों बीच खड़ा हो गया।