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बिजली आयी तो नक्सली भय भी खत्म हुआ

झारखंड में सौर ऊर्जा से पश्चिमी सिंहभूम के दुरूह गांव हो रहे रोशन

  • दूरस्थ इलाकों में अब पुलिस पिकेट भी

  • सुरक्षा के बीच सौर ऊर्जा का पावर प्लांट

  • ग्रामीणों की सुविधा के लिए अलग पोर्टल

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के दिशा निर्देश में पश्चिमी सिंहभूम के सुदूरवर्ती गांव में निवास करने वाले ग्रामीणों को अब मूलभूत सुविधाओं से आच्छादित किया जा रहा है, जिससे वे दशकों तक वंचित थे। सरकार की संवेदनशीलता की वजह से यह संभव हो पा रहा है। अब दुरूह गांव तक सरकार और सरकार की योजनाएं भी पंहुच रही है। नक्सल प्रभाव में रहे चाईबासा की आबो हवा को बदलने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।

पश्चिम सिंहभूम जिले में दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में संचालित पुलिस पिकेट एवं सीआरपीएफ कैंपों में बिजली सुविधा की अनुपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए 13 पुलिस पिकेट एवं कैंप में 25 के डब्ल्यू पी क्षमता के सौर ऊर्जा आधारित आॅफ ग्रिड पावर प्लांट अधिष्ठापन का कार्य किया गया है। दुर्गम क्षेत्रों में क्रियान्वित कैंप एवं पुलिस पिकेट में बिजली की उपलब्धता बहाल रहने से बिजली चालित उपकरणों का बेहतर क्रियान्वयन तथा वहां मौजूद जवानों को कर्तव्य निष्पादन में सहूलियत के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की गई।

वहीं दूसरी ओर, चाईबासा के घोर नक्सल प्रभावित एवं सुदूर गांवों में जिला प्रशासन द्वारा मेडिकल कैंप का आयोजन लगातार किया जा रहा है।अंजदबेड़ा, टोन्टो, तग्रातुम्बाहाका जैसे दर्जनों गांव हैं जहां कैंप का आयोजन विगत दिनों हुआ है, जिसमें सदर अस्पताल, चाईबासा के टीम की द्वारा विभिन्न बिमारियों से ग्रसित ग्रामीणों का इलाज किया गया। वृद्ध एवं बच्चों को आवश्यक चिकित्सीय परामर्श एवं दवाइयां उपलब्ध कराई गई है।

पश्चिमी सिंहभूम के दूरदराज क्षेत्रों में वासित जनमानस जिन्हें अपने समस्या/शिकायत के समाधान के लिए जिला मुख्यालय आना पड़ता है, उन सभी को अपनी बातों को जिला प्रशासन के समक्ष रखने के लिए पब्लिक हेल्प सेल संपर्क सूत्र का शुभारंभ किया गया है। इससे पोर्टल पर दर्ज समस्याओं को समयबद्ध तरीके से निष्पादित करने में जिला प्रशासन को काफी मदद मिलेगी। जिला प्रशासन का प्रयास है कि पोर्टल के माध्यम से संपर्क करने वाले व्यक्तियों को सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रमों एवं क्रियान्वित योजनाओं का अधिकतम लाभ सुनिश्चित किया जा सकेगा।

पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त अनन्य मित्तल ने आज बताया कि युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक तौर पर दक्ष बनाने के उद्देश्य से कल्याण विद्यालय, कस्तूरबा विद्यालय, झारखण्ड बालिका विद्यालय, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं स्किल सेंटर के माध्यम से भावी पीढ़ियों को 28 आवासीय शिक्षण संस्थान में ओपन जिम का अधिष्ठापन किया गया है। सरकार की सोच है कि शारीरिक एवं मानसिक क्षमता को विकसित करने से भावी पीढ़ियों के सर्वांगीण विकास में लाभकारी हो सकता है। चाईबासा वासियों को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ एवं उन्हें मूलभूत सुविधाओं से आच्छादित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर हमारी प्राथमिकताओं में दुरूह गांवों में निवास करने वाले ग्रामीण हैं।

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