अजब गजबचीनमुख्य समाचारलाइफ स्टाइल

चीन में अब शादियां की संख्या भी कम हो गयी है

देश के विकास की होड़ में जनसंख्या में कमी के बाद अब चीन के सामने दूसरा संकट

बीजिंगः चीन सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक है। लेकिन चीन की आबादी नए तरीके से सिकुड़ रही है। 2022 में, चीन ने इतिहास में सबसे कम विवाह दर्ज किए। देश की जन्म दर में गिरावट शुरू हुई क्योंकि देश में पिछले साल शादी करने वाले जोड़ों की संख्या सबसे कम थी। चीन सरकार ने अपनी चिंता व्यक्त की है।

सीएनएन की एक रिपोर्ट में यह बताया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में चीन में शादी की दर गिर रही है। 2022 में देश में शादियों की संख्या सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। माना जा रहा है कि इस घटना का एक कारण कोरोना महामारी भी है।

चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार (9 जून) को बताया कि 2022 में चीन में केवल 6,833 जोड़ों ने विवाह का पंजीकरण कराया। जो पिछले साल यानी 2021 से करीब 8 लाख कम है। आंकड़ों के मुताबिक, चीन में पिछले साल की तुलना में शादियों में 10.5 फीसदी की कमी आई है।

संबंधित अधिकारियों के अनुसार, जिसने 1986 के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। कोरोना महामारी के चलते चीन में लगे लॉकडाउन के दौरान कई तरह की पाबंदियां लगाई गई थीं। नतीजतन, विवाह और जन्म दर में गिरावट जारी है। और इसीलिए देश के नागरिक मामलों के मंत्रालय को आपदा का सामना करने की उम्मीद है।

आंकड़ों के मुताबिक, 2013 में चीन में रिकॉर्ड संख्या में शादियां हुईं। 13 मिलियन से अधिक जोड़ों ने शादी की, जो 2022 में विवाह की संख्या से लगभग दोगुना है। 2014 के बाद से शादियों की संख्या में धीरे-धीरे कमी आई है। चीन इसे देश की जनसंख्या में गिरावट का एक कारण मानता है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल चीन में जन्म दर 6.77 प्रति हजार थी।

पिछले साल 2021 में यह साढ़े सात फीसदी से ज्यादा थी। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ने की आशंका है।

विशेषज्ञों का कहना है कि चीन बूढ़े लोगों के अमीर बनने से पहले उनका देश बन जाएगा। इससे देश की श्रमशक्ति घटेगी और आर्थिक आपदा आएगी। ऐसे में चीन सरकार युवाओं को शादी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए देश के 20 शहरों में एक पायलट प्रोजेक्ट न्यू एज शुरू करने जा रही है। इसके तहत नवविवाहित जोड़ों को अतिरिक्त वेतन व अवकाश देने की योजना है। इसका मकसद युवाओं को शादी के लिए प्रोत्साहित करना और देश की तेजी से घटती जनसंख्या पर लगाम लगाना है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button