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गुजरात में इसी कंपनी को किसने काम दिया
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एनएचएआई के सारे अफसर क्या कर रहे थे
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छह सौ करोड़ से शुरु होकर 27 सौ करोड़ पहुंचा
राष्ट्रीय खबर
पटनाः जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने प्रेस वार्ता कर भाजपा को फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया है। जाप प्रमुख पप्पू यादव ने भागलपुर में निर्माणाधीन पुल गिरने को लेकर सरकार से सवाल किया और कहा कि आठ राज्यों में जब यह कंपनी ब्लैक लिस्टेड थी तब इस कंपनी को फिर किन कारणों से ठेका दिया गया।
उन्होंने कहा कि इस पुल का टेंडर 600 करोड़ से शुरु हुआ और टेंडर 2700 करोड़ रुपये पहुंच गया। पप्पू यादव ने कहा कि एक विधायक 6 साल के बाद एक आईएएस का नाम ले रहे हैं, जो कि वे लंबे से पुल निगम के सचिव रहे हैं, उसी को जांच का जिम्मा क्यों दिया गया, क्या दूध की रखवाली बिल्ली करेगी। 14 महीने में निर्माणधीन पुल दो बार टूट गया।
उन्होंने कहा कि मेरा सवाल पहले देश के पीएम से है, सूप बाजे तो बाजे चलनिया भी बाजे, हमाम में सब नंगे हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी से जानना चाहूंगा कि ब्लैक लिस्टेड होने के बावजूद केंद्र सरकार ने गुजरात में सिग्नेचर पुल बनाने का काम इस कंपनी को किया दिया, जो पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
ब्लैक लिस्टेड होने के बावजूद इस कंपनी को एनएचएआई से ठेका क्यों मिला। उन्होंने कहा कि 17 सालों से इस विभाग में भाजपा का मंत्री था। नंदकिशोर यादव से लेकर नितिन नवीन तक रहे। इस दौरान जांच क्यों नहीं हुई। आखिर कौन आईएएस है, जिसे बचाया जा रहा है। मीडिया के खबर का हवाला देते हुए पप्पू यादव ने कहा कि, किस आईएएस के खाते में विदेश में 100 करोड़ रुपये मिले हैं।
क्या कारण है कि अभी तक भाजपा नेताओं ने कंपनी का नाम तक क्यों नहीं लिया। बता दें कि बिहार में गंगा नदी पर ये पुल बनाने का टेंडर एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन के पास है। इस कंपनी के मुख्य दफ्तर दिल्ली और हरियाणा में हैं। कंपनी के मालिक का नाम सतपाल सिंगला है। 1996 में इस कंपनी को पहला प्रोजेक्ट मिला था।
10 लाख रुपए में यमुना नदी पर एक छोटा सा पुल बनाया था। इसके बाद इस कंपनी को छत्तीसगढ़ में एक पुल बनाने के लिए 12 करोड़ का ठेका मिला। बिहार में कोसी नदी पर आरा और छपरा के बीच इसी कंपनी ने पुल बनाया है। इस वक्त इस कंपनी के प्रोजेक्ट देश के करीब 15 राज्यों में चल रहे हैं।
कंपनी के दावे के मुताबिक 2022 में कंपनी की नेटवर्थ करीब 869 करोड़ रुपए है। मई 2020 में पहली बार ये कंपनी तब विवादों में आई थी, जब लोहिया पथ निर्माण के दौरान कंक्रीट स्लैब गिरने से 3 बच्चों की मौत हो गई थी। सरकार ने जांच के लिए एक कमेटी बनाई। कंपनी से पूछताछ हुई, लेकिन इसके बावजूद कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुछ का दावा है कि जब सुल्तानगंज में गंगा पर बने रहे इस ब्रिज के लिए टेंडर हुआ तो उसमें एसपी सिंगला कंपनी का नाम नहीं था। इसे पिछले दरवाजे से लिस्टेड करके टेंडर दिया गया।