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गरीब जनता से पैसा वसूलकर राजमहल बनाये
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बाघों की कमी के लिए राजा महाराजा जिम्मेदार
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तृणमूल के कहा माफी नहीं मांगी तो आंदोलन होगा
राष्ट्रीय खबर
कूचबिहारः राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी पर कूचबिहार के राजा व राजकुमारी के अपमान करने का लगा आरोप लगा है। इस आरोप की वजह से स्थानीय लोग भड़क उठे हैं। यह मामला गरमाने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने धमकी दी है कि अगर सुशील मोदी अपना बयान वापस नहीं लेते हैं तो वे सड़कों पर उतरकर आन्दोलन करेंगे।
गौरतलब है कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी कल सुबह कूचबिहार पहुंचे। वह आज कूचबिहार आए और कूचबिहार के प्राचीन राज महल का दौरा किया। आरोप है कि उस महल को देखने के बाद उन्होंने कहा, कूचबिहार का यह महल बहुत अच्छा है। उस समय के राजाओं और महाराजाओं ने गरीब लोगों के पैसे से अपनी विलासिता के लिए ऐसे महल बनवाए।
उस काल के अधिकांश महाराजाओं की जनता के प्रति कोई जवाबदेही नहीं थी। लोगों से विलासिता की वस्तुओं के लिए जबरन कर वसूल किया। वे एक से अधिक बार विवाह करते थे। देश में बाघों की कमी के लिए भी उन्होंने राजा महाराजाओं को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने यह भी कहा कि गायत्री देवी जयपुर की महारानी थीं। उनके खिलाफ 1962 का चुनाव एक सफाईकर्मी ने लड़ा था।
उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार को लगता है कि अगर केंद्र की विभिन्न योजनाओं को पश्चिम बंगाल में लागू किया गया तो उसकी उपलब्धियां भाजपा को चली जाएंगी। इसलिए नरेंद्र मोदी सरकार की किसी भी योजना को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने दे रही है।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने अलीपुरद्वार स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता में यह बात कही। इस दिन उन्होंने कहा कि केंद्र की तमाम योजनाओं से बंगाल की जनता वंचित है। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में केवल भ्रष्टाचार है। यहां हर चीज में 40 परसेंट कमीशन है, यह सरकार 40 परसेंट कमीशन वाली सरकार है। वैसे राज परिवार को लेकर अपने टिप्पणी का असर जानने के बाद श्री मोदी ने कहा, मैंने कूचबिहार के राजा पर गलत टिप्पणी नहीं की, कूचबिहार के राजा प्रजावत्सल राजा थे, उन्होंने इस क्षेत्र के लिए बहुत कुछ किया है।
तृणमूल कांग्रेस ने सुशील मोदी पर शाही परिवार का अपमान करने और कूचबिहार के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है। इस घटना के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता पार्थप्रतिम रॉय ने कहा कि कूचबिहार के लोगों में कूचबिहार के राजा महाराजाओं के प्रति काफी सम्मान की भावना है।
सुशील मोदी ने उस भावना को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा, कूचबिहार के राजा प्रजा वत्सल थे। हैरानी की बात यह है कि कूचबिहार के दो विधायक निखिल रंजन डे और सुकुमार रॉय सुशील मोदी के दोनों तरफ खड़े थे लेकिन उन्होंने उनका विरोध नहीं किया। पार्थ प्रतिम रॉय ने सुशील मोदी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि सुशील मोदी को अपने शब्द वापस लेने चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में हमें एक बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।