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महिला पहलवानों के लिए आखिरी दम तक लड़ेंगे

  • हरियाणा की बैठक के फैसले का इंतजार

  • जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति के पास जाएंगे

  • कहा, फिर से पुरानी साजिशें होने लगी हैं

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः किसान नेता राकेश टिकैत ने आज कहा कि पहलवानों के विरोध के मुद्दे पर अंतिम फैसला कल हरियाणा में होने वाली बैठक में लिया जाएगा। हरियाणा के किसान और खाप पहलवानों को समर्थन दे रहे हैं और आगे क्या रणनीति तय की जानी बाकी है। श्री टिकैत, जिन्होंने सोमवार को पहलवानों को अपने पदक गंगा में नहीं डालने के लिए राजी किया था, ने स्पष्ट कर दिया कि वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि दरअसल फिर से अब पहलवानों को भी जातिगत समीकरणों में उलझाने की साजिश हो रही है। किसान आंदोलन के दौरान ही किसान ऐसी साजिशों को अच्छी तरह समझ गये थे जब किसानों को खालिस्तानी, पाकिस्तानी और न जाने क्या क्या कहा गया था। इसलिए जो लोग इन साजिशों में शामिल हैं, उन्हें इससे बाज आना चाहिए क्योंकि इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है। देश की जनता अपनी आंखों से सब कुछ देख रही है और अपने दिमाग से सब कुछ समझ भी रही है।

उन्होंने आज मुजफ्फरनगर में एक विशाल बैठक में कहा, अगर जरूरत पड़ी तो हम भारत के राष्ट्रपति के पास जाएंगे। महिला पहलवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने मंच से कहा, हम आपके साथ हैं, आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा कि पदकों को गंगा में विसर्जित मत करो, उन्हें नीलामी के लिए रख दो।

पूरी दुनिया आगे आएगी और आपसे नीलामी रोकने के लिए कहेगी। किसान और खाप पहलवानों को समर्थन क्यों दे रहे हैं, इस पर टिकैत ने कहा, परिवार बड़ा हो तो अच्छा है। उन्होंने बैठक में शामिल किसानों से कहा, आपको समझना चाहिए कि केंद्र सरकार क्या कर रही है। उन्होंने बिहार में लालू यादव के परिवार को तोड़ दिया।

देखिए उन्होंने मुलायम सिंह यादव के परिवार के साथ क्या किया। राजस्थान में भी यही हो रहा है। सोमवार को, उनके विरोध पर दिल्ली पुलिस की भारी कार्रवाई के एक दिन बाद, पहलवान अपने पदक गंगा में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार के लिए रवाना हुए थे। लेकिन भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख श्री टिकैत और हरियाणा के खाप नेताओं के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार वे पीछे हट गए।

पहलवान जनवरी से ही डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन पर उन्होंने एक नाबालिग सहित सात एथलीटों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। बृजभूषण शरण सिंह, जो भाजपा सांसद भी हैं, ने दावा किया है कि अगर उनके खिलाफ आरोप साबित होते हैं तो कोई भी सजा स्वीकार करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘अगर मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित होता है तो मैं फांसी लगा लूंगा। सरकार ने कल इस मामले पर अपनी पहली टिप्पणी में पहलवानों को किसी भी हड़बड़ी में कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी दी और उन्हें पुलिस जांच के निष्कर्ष तक इंतजार करने की सलाह दी।

मैं खिलाड़ियों से कहूंगा कि वे दिल्ली पुलिस की जांच के निष्कर्ष का इंतजार करें। दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है और प्राथमिकी (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की है। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई भी ऐसा कदम न उठाएं जिससे खेल और खिलाड़ियों को नुकसान हो।

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