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दूसरे तल्ले पर होगी महिलाओं का बैरक
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सारी सुविधाएं इसी तल्ले पर उपलब्ध
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हर थाना में 30-35 महिला सिपाही
राष्ट्रीय खबर
पटनाः पूरे देश में बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या देश में सर्वाधिक है। आने वाले दिनों में इनकी और भर्तियां होंगी। इसके मद्देनजर महिला पुलिसकर्मियों के लिए बड़ी संख्या में बैरक या आवास की अलग व्यवस्था की जा रही है। थाना भवन और बैरक में इनके तमाम सुविधाएं होंगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले से ही बिहार पुलिस में महिलाओं की बहाली पर खास जोर दिया। अब उनकी सुविधाओं के लिए सरकार काम कर रही है। योजना के मुताबिक अगले दो वर्षों में 300 थाने बन जाएंगे आगामी दो वर्षों में राज्य में 300 थाने बनकर तैयार हो जाएंगे।
हाल में हुए बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 108 थानों का शिलान्यास और 24 का उद्घाटन किया है। सभी थाना भवन चार मंजिला बनाए जा रहे हैं। इनका क्षेत्रफल 14 हजार 258 वर्गफीट है। अधिकतर थानों में गाड़ी, फायर टैंकर रखने के अलावा ड्राइवर के रहने की भी व्यवस्था है।
पुलिस ओपी (उट पोस्ट) तीन मंजिला बनाए जा रहे हैं। आने वाले दो वर्ष में सभी थानों और पुलिस लाइन को मिलाकर करीब 19 से 20 हजार महिला कर्मियों के रहने की व्यवस्था हो जाएगी। इन सभी चार मंजिला थाना भवनों में 30-35 महिला सिपाहियों के रहने के लिए दूसरी मंजिल पर विशेष बैरक बन रहा है।
सुविधाओं से संपन्न इसका क्षेत्रफल करीब साढ़े चार हजार वर्ग फीट होगा। इसमें किचन, डाइनिंग स्पेस, स्टोर, टॉयलेट, बाथरूम के अलावा बच्चों के लिए क्रेच समेत अन्य सभी मूलभूत सुविधाएं मौजूद रहेंगी। यह एक फ्लैट की तरह होगा। सबसे ऊपरी तल पर पुरुष सिपाहियों के लिए बैरक है।
नए थाना भवन के निचले तल पर थाना प्रभारी का कार्यालय, सेक्शन कार्यालय, हाजत समेत अन्य चीजें होंगी। पहले तल पर विधि-व्यवस्था से जुड़ी यूनिट समेत अन्य जरूरी कार्यालय रहेंगे। राज्य में अब सभी नए थाने इसी स्वरूप में दिखेंगे। पहले से मौजूद करीब 650 पुलिस थानों में महिला शौचालयों की खासतौर से व्यवस्था कर दी गई है।
महिला एवं एससी-एसटी थानों में क्वार्टर राज्य में महिला और एससी-एसटी थाने को एक साथ बनाये गये हैं। इन चार मंजिला थाना भवनों में सबसे ऊपर के भवन पर महिला कर्मियों के लिए क्वार्टर तैयार किए गए हैं। इनमें रहने, भोजन समेत सभी सुविधाएं हैं। बता दें कि हाल के दिनों में पुलिसकर्मियों के मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई है।