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इमरान खान की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट ने गलत बताया

इस्लामाबाद: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी को गैरकानूनी ठहराते हुए इस्लामाबाद पुलिस महानिरीक्षक डॉ अकबर नासिर खान को उन्हें शाम साढ़े चार बजे तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया।

जियो न्यूज के अनुसार पाकिस्तान के चीफ जस्टिस (सीजेपी) उमर अता बंदियाल ने इमरान की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली पीटीआई की याचिका पर सुनवाई कर रही तीन सदस्यीय पीठ की अध्यक्षता करते हुए यह टिप्पणी की। पीठ में सीजेपी के अलावा जस्टिस अतहर मिनल्लाह और जस्टिस मुहम्मद अली मजहर भी शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि रेंजर्स ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान को मंगलवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट परिसर से गिरफ्तार कर नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (नैब) के हवाले कर दिया था। इस्लामाबाद की एक अकाउंटेबिलिटी कोर्ट ने इमरान को आठ दिन की रिमांड पर नैब के हवाले कर दिया था।

सीजेपी बंदियाल ने हाई कोर्ट परिसर से इमरान की गिरफ्तारी को देश के न्यायिक प्रतिष्ठान के लिए बहुत बड़ा अपमान करार दिया।  सर्वोच्च अदालत ने सवाल किया, नैब को कानून अपने हाथ में लेने की क्या जरूरत थी? कोर्ट परिसर से गिरफ्तारी से कोर्ट की पवित्रता कहां बाकी रह गयी? कोर्ट की इज्जत ही क्या रह गई, जब 90 लोग कोर्ट परिसर में दाखिल हो गए। नैब ने कोर्ट का अपमान किया है।

बता दें कि इमरान खान को गिरफ्तार किये जाने के बाद पूरा पाकिस्तान अशांत हो गया है। अनेक स्थानों पर हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुई हैं। कई इलाकों में नाराज जनता ने पुलिस के अलावा सैन्य छावनियों पर भी हमला कर दिया था।

अब दूसरे जरिए से खबर आयी है कि तोड़ फोड़ करने वालों में बाद में जो लोग शामिल हुए, वे दरअसल पुलिस के ही लोग थे, जो भेष बदलकर गाड़ियों का शीशा तोड़ते पाये गये हैं। इस बीच यह खबर भी आग की तरह फैलती गयी कि हिरासत में लिये जाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री को लगातार पुलिस वालों ने पीटा भी है। इससे भी उनके समर्थक और उत्तेजित हो गये थे।

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