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फर्जी बीमा और दूसरे के सीम कार्ड का इस्तेमाल

  • अब ऑनलाइन बीमा के नाम पर ठगी

  • दिल्ली पुलिस ने जांच में खुलासा किया

  • दुर्गापुर में बैठकर काम कर रहा था गैंग

एस दासगुप्ता

कोलकाताः जामताड़ा गैंग अब नाम रह गया है। इस गैंग से जुड़े लोग अब दूसरे राज्यों तक फैल गये हैं। इस बार बीमा के नाम पर ठगी का नया धंधा प्रकाश में आया है। बाजार संचालित बीमा में आकर्षक लाभों के वादे से बीमा खरीदना जीत जाता है। इसके बाद ठगी का खेल शुरू हो गया। पुलिस ने दावा किया कि बंदी जामताड़ा गिरोह की आड़ में लोगों से रंगदारी वसूलने का धंधा चला रहे थे। दिल्ली पुलिस ने बिहार के बेगूसराय में छह लोगों को गिरफ्तार किया है।

फोन पर अपने बैंक की आधिकारिक पहचान का उपयोग करके एटीएम कार्ड ब्लॉक होने की समस्या के कारण कई लोगों के अपने सारे पैसे लूट लेने की शिकायतें कोई नई नहीं हैं। शुरुआत में ठगी का यह धंधा मुख्य रूप से जामताड़ा इलाके से संचालित होता था। तभी से नाम जामताड़ा गैंग पड़ा। दिल्ली पुलिस ने इस बार काफी हद तक लोगों को बेवकूफ बनाने के धंधे का पर्दाफाश किया है।

बिहार के बेगूसराय में राजधानी पुलिस की स्पेशल सेल ने की छापेमारी। वहां से छह युवकों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार लोगों की पहचान दिनेश कुमार दास, वीरेंद्र कुमार, बबलू मालाकार, रौशन कुमार, पवम कुमार और मिथिलेश कुमार के रूप में हुई है। सभी बेगूसराय के रहने वाले हैं। इस नई किस्म की ठगी का पता दिल्ली में चला। वहां एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करायी कि बीमा के एवज में उन्होंने पिछले कई वर्षों से दो करोड़ अस्सी लाख रुपये जमा किये हैं। अब उन्हें पता चला है कि उनके नाम पर कोई बीमा ही नहीं है। दिल्ली पुलिस ने इसी शिकायत को आधार बनाकर जांच प्रारंभ की थी।

जामताड़ा गैंग के पश्चिम बंगाल में सक्रिय होने की शिकायत मिली थी। अब पता चला है कि इस गैंग से जुड़े लोगों ने दुर्गापुर में बैठकर ठगी की है। वहां के एक सिम कार्ड से उन्होंने 1 लाख 36 बार कॉल की है। अधिकांश फोन कॉल्स के पीछे घोटालों का रहस्य छिपा होता है। साइबर क्राइम में दुर्गापुर के तीन युवक शामिल थे। बिहार के जामताड़ा गिरोह के मास्टरमाइंड इनके प्रशिक्षण के प्रभारी थे। ठगी का निशाना दिल्ली था।

दिल्ली पुलिस ने दुर्गापुर से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम दीपांकर अंकुडे, अनिकेश दास और अर्घ्य मजूमदार हैं। गिरफ्तार आरोपी कोकोवेन थाना अंतर्गत बीरभानपुर व डीपीएल अंतर्गत खुदीराम कॉलोनी के रहने वाले हैं। पुलिस ने तीनों युवकों की ऑनलाइन ठगी में चाल देखने के बाद उनके जामताड़ा गिरोह से संबंध होने की पुष्टि की। दिल्ली पुलिस की एक विशेष जांच टीम ने लगभग एक महीने तक जांच करने के बाद मंगलवार को दुर्गापुर से तीन युवकों को गिरफ्तार किया।

दोस्त के सिम का इस्तेमाल कर फर्जी कॉल कर करोड़ों रुपये ठगने के आरोप में दुर्गापुर के इन तीनों युवकों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कार्ड। पुलिस गिरफ्तार को तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली ले गई। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को तीन युवकों को गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को दुर्गापुर कोर्ट में पेश किया।

सूत्रों के अनुसार अर्घ्य मजूमदार गिरफ्तार दीपंकर अंकुरे व अनिकेश दास से सिम कार्ड लेकर लंबे समय से ठगी का सिलसिला चला रहा था। कथित तौर पर दो सिम कार्डों से लगभग 1 लाख 36 हजार फोन कॉल किए गए थे।11 मार्च, 2023 को दिल्ली साइबर क्राइम पुलिस में वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की गई थी।

शिकायत की जांच के बाद इन तीनों युवकों को पकड़ लिया गया। दिल्ली साइबर क्राइम पुलिस ने जालसाजों के खिलाफ धारा 420/120बी के तहत मामला दर्ज किया है। जांच के उद्देश्य से दिल्ली पुलिस अधिकारी जयदेव मोर्रा के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया था। विभिन्न सूत्रों से सूचना मिलने के बाद जांच टीम दुर्गापुर आई। दुर्गापुर के कोक-बुन थाना क्षेत्र से तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस गिरोह से कुछ और लोग भी जुड़े हो सकते हैं। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस मामले पर मुंह खोलने से इनकार कर दिया। पुलिस बाकी की भी तलाश कर रही है।

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