-
बोकारो संघ के मामले से जानकारी मिली
-
वहां का क्लब ही अफसर ठेकेदार का पसंदीदा
-
अनेक बड़े अफसरों को इसी लिए जोड़ा गया था
राष्ट्रीय खबर
रांचीः बोकारो जिला क्रिकेट एसोसियेशन की अनियमितता की बात सामने आयी तो झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसियेशन यानी जेएससीए की असलियत भी बाहर आने लगी है। जेएससीए से जुड़े तथ्यों और घटनाक्रमों से साफ है कि अब अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में बने एक निजी क्लब में सत्ता की दलाली का काम ज्यादा हो रहा है।
जेएससीए के एक फरार पदाधिकारी संजय चौधरी को पूर्व सर्वेसर्वा स्वर्गीय अमिताभ चौधरी का वरदहस्त प्राप्त था। इसलिए जब तक श्री चौधरी पुलिस सेवा में रहे, उसकी तलाश तक नहीं हुई। बाद में भगोड़े संजय चौधरी को रेड कॉर्नर नोटिस के बाद भी आज तक केंद्रीय एजेंसियां नहीं ढूंढ पाई।
इस मामले में नया नाम प्रेम प्रकाश का है। जिसे एक रिटायर्ड अधिकारी अपने साथ लाकर काम देने लगी थी। बाद में वह सत्ता की दलाली में स्थापित नाम बन गया। ईडी द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद वह जेल में बंद है।
पीपी उर्फ प्रेम प्रकाश का नाम जमीन घोटाले को लेकर काफी चर्चा में हैं। पीपी शराब के धंधे में भी मजबूत पकड़ रखता है। पीपी खनन घोटाले और मनी लांड्रिंग के आरोप में अगस्त 2022 से ही बिरसा मुंडा कारा की शोभा बढ़ा रहे हैं। वहां का सदस्य नहीं होने के बाद भी वह नियमित तौर पर वहां आता जाता रहा था। इसके अलावा भी अनेक नाम हैं, जिन्हें इस क्लब में नियमित तौर पर देखा जाता रहा है। अभी वैसे लोग वहां कम नजर आ रहे हैं।
दरअसल क्लब में सत्ता के दलालों के साथ वरीय अधिकारियों का बैठना एक सहज क्लब संस्कृति मानी गयी थी। लेकिन घटनाक्रम बता रहे हैं कि यह दरअसल दलाली और ठेका पट्टा आवंटन की डील फाइनल करने का केंद्र बन चुका है।
जेएससीएके कर्णधारों ने अपने निजी व सांस्थानिक लाभ के लिए पावर ब्रोकरों को अपने साथ जोड़ा। जब जिसकी सरकार रही, उससे जुड़े ब्रोकरों को साधा गया। कार्यपालिका के कर्णधारों खासकर आईएएस और आईपीएस अफसरों को जगह दी गई। पावर ब्रोकरों को भी उठने बैठने व डील करने के लिए एक सुरक्षित ठिकाने की तलाश थी, जो पूरी हो गई। दोनों की जरूरतें मिल गई तो गंठजोड़ बन गया।
स्टेडियम निर्माण में आ रही सरकारी परेशानियों की उम्र कम रही और संसाधनों की कमी कभी नहीं हुई। अब बोकारो जिला क्रिकेट संघ में नियमों का उल्लंघन कर काम काज का राज बाहर आने के बाद जेएससीए के अधिकारी ही लीपापोती में लगे हुए हैं।
खबर है कि इस जिला क्रिकेट संघ का पिछले चार वर्ष ऑडिट नहीं हुआ है। अब लोग बैक डेट से दस्तावेज पूरा करने में जुटे हैं और जेएससीए के पदाधिकारी भी उनकी मदद कर रहे हैं। पिछले सप्ताह बोकारो के सीए अमोल एंड एसोसिएट्स की सेवा लेने के लिए त्रिमूर्ति पहुंची और सभी दस्तावेज सौंपा।
इससे जुड़ा एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें सीए के स्टाफ सौरभ से कुछ लोग पूछताछ कर रहे हैं। इसमें सौरभ को ये बताते हुए सुना जा सकता है कि 10, 11 मई तक ऑडिट का काम पूरा कर लेना है। इस जिला क्रिकेट संघ का वर्तमान अकाउंट है वो 19 मार्च 2019 को खोला गया। इससे पहले एक्सिस बैंक में अकाउंट था जो बंद हो गया या बंद करा दिया गया।
सवाल ये उठता है कि पुराना अकाउंट बंद कराकर नया अकाउंट खोलने की जरूरत क्यों पड़ी ? क्या राज छुपाना था जो लोढ़ा कमीशन की सिफारिश जेएससीएमें लागू होने के तुरंत बाद बोकारो जिला क्रिकेट संघ का अकाउंट बंद करा दिया गया। गत 13 अप्रैल को बोकारो जिला क्रिकेट संघ में व्याप्त वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं के जांच के आदेश के बावजूद झारखंड राज्य क्रिकेट संघ और बीडीसीए के बीच सब कुछ ठीक चल रहा था।
15 अप्रैल 2023 जिस दिन जांच समिति बोकारो में सभी पक्षकारों से विभिन्न विषयों पर जांच पड़ताल में जुटी थी ठीक उसी दिन जेएससीएकी ओर से 2,88,320 रुपए जिला संघ के अकाउंट में भेजे गए। यही नहीं इसके बाद 20 अप्रैल 2023 को जेएससीएकी ओर से 88,902 रुपए और ट्रांसफर किए गए।
पता चला है कि इसके बाद बीडीसीए के आका पीएन सिंह गाड़ी में रजिस्टर लेकर घूम रहे हैं और सहायक सचिव छोटू भैया के साथ बैक डेट में अन्य पदाधिकारियों से साइन करवा रहे हैं। कुल मिलाकर अमिताभ चौधरी के नहीं रहने के बाद जेएससीए की जिन गड़बड़ियों पर पर्दा डाला गया था, वे धीरे धीरे सामने आ रहे हैं।