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भाजपा की टिकट का सबसे अधिक डिमांड
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अब सरकारी गेस्ट हाउसों पर रखनी होगी नजर
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अचानक बढ़ गयी है ऐसे नेताओँ की सक्रियता भी
दीपक नौरंगी
भागलपुर : इस बार मौसम का मिजाज विचित्र है। गर्मी में भी यदा कदा ठंड का एहसास हो रहा है। जिस बरसात के पूर्व मेढ़क टरटराने लगते हैं। उसी तरह लोकसभा चुनाव से पूर्व टिकट पाने वाले नेताओं में भी समाजसेवा भाव अचानक बढ़ गया है। अपने ही दल के नेता एक दूसरे टिकटार्थी का जड़ खोदने में लगे हैं।
कौन किसका कितना बिगाड़ पाएगा यह तो समय बताएगा। भारतीय जनता पार्टी भागलपुर से लोकसभा का प्रत्याशी किसे बनाती है इसके लिए अभी काफी इंतजार करना पड़ेगा लेकिन कुछ ऐसे लोग भी बीजेपी पार्टी में जुड़े हैं जिन्होंने कभी भी भाजपा पार्टी के किसी कार्यक्रम में जाना तो दूर भाजपा के लिए कभी अपना पसीना भी नहीं जिन्होंने बहाया है वह जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर के बीजेपी पार्टी में पद पाने की चाहत रखें हैं
भाजपा की दावेदारी को लेकर एक पूर्व और एक वर्तमान केंद्रीय मंत्री आमने सामने देखे जा रहे हैं। वर्तमान केंद्रीय मंत्री का दौरा पिछले दिनों भागलपुर में हुआ था। केंद्रीय मंत्री के परिवारिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि बेहतर है। इसीलिए अपने पुत्र को बीजेपी से भागलपुर का विधानसभा के प्रत्याशी के रूप में देखना चाहते हैं।
लेकिन वर्तमान में लोकसभा प्रत्याशी को लेकर कई सरकारी गेस्ट हाउस में नेता अपने अपने समर्थकों के साथ एक लोभी बनाने लगे हैं पुलिस मुख्यालय के जिम्मेदार आला अधिकारियों को बिहार के सारे गेस्ट हाउस सहित सर्किट हाउस पर अपनी नजर रखनी चाहिए जिससे कि कौन नेता बेवजह गेस्ट हाउस में आकर रुक रहे हैं और किन से मिल रहे हैं पर मिलने वाले क्या दागदार व्यक्ति है और कितने दिन गेस्ट हाउस में रुकते हैं ऐसे कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पुलिस के आला अधिकारी के साथ-साथ जिला अधिकारी को भी नजर बनाए रखनी चाहिए
वैसे बीजेपी के पूर्व मंत्री जी के हर दांव से निपटने में वे खुद माहिर समझते हैं। लेकिन बताया जाता है कि बीजेपी के केंद्रीय नेता की नजर में उनकी छवि खराब हो चुकी है भागलपुर में जो लोकसभा प्रत्याशी का एक ख्वाब देख रहे हैं वह कहीं से भी इनका पूरा होता नहीं दिख रहा है
भले ही जिनके यहां यह कभी नहीं गए थे उन्हें भी माला पहनाते यह देखे जा रहे हैं किसी शादी के बहाने यह किसी को बीमारी के कारण मिलने या अन्य कारणों से मिलने के लिए कई लोगों के निजी आवास पर भी बीजेपी के एक बड़े नेता से देखे जा रहे हैं मेहनत तो ऐसे कर रहे हैं
जैसे पहले वार्ड में वार्ड पार्षद अपने इलाके में अपनी जीत के लिए करते थे लेकिन बीजेपी के बड़े नेता के सामने इनकी छवि बहुत ज्यादा बेहतर नहीं है इस बीच दो दिग्गज नेताओं के झगड़े में दो चार लोग इस उम्मीद में मैदान में कूद गए हैं कि जातीय समीकरण और पैसे के बल पर वे भी खेल को बना बिगाड़ सकते हैं।
किसी के पास चुनाव जीतने के लिए गंगौता फर्मूला है तो, किसी के पास यादवी पेंच है। इस चुनावी घमासान में आयातित नेता भी तांक झांक कर रहें हैं। चर्चा यह है कि लालटेन वाले उस नेता जी की पूछ उनके अपने ही दल में नहीं हो रहा है। उनपर पार्टी का टिकट बेचने और अपने ही दल के उम्मीदवारों को हरवाने का आरोप है।
दो तीन नव धनाढ़य जमीन कारोबारी भी टिकट के लिए ताल ठोक रहें हैं। उन्होंने अचानक भागलपुर शहर में कई विवादित जमीन खरीद कर पैसा कमाया है वह सीधे गाड़ी से उतरते हैं लोगों से मिलते जुलते हैं उसकी तस्वीर फेसबुक का सोशल साइट पर लगाते हैं हर तरीका का कयास लगाए हुए हैं उन्हें लोकसभा का प्रत्याशी बनाया जाए या नहीं
लेकिन वह अपने मन मन में ही लोकसभा का प्रत्याशी बनने का सपना भी देख रहे हैं उन्हें उम्मीद है कि भले ही लोकसभा का टिकट उन्हें न मिले लेकिन विधानसभा के टिकट का मिलना तो तय है भागलपुर लोकसभा में बीजेपी इसे लोकसभा प्रत्याशी की दावेदारी मिलती है इसमें तो अभी समय है चुनावी वक्त में चलेगा कि बरसात में के पूर्व टरटराने वाले मेंढको में दम कितना है।