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राहुल गांधी को सजा सुनाने वाले जज का मामला सुप्रीम कोर्ट में

नईदिल्लीः राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दो साल की अधिकतम सजा सुनाने वाले जज एचएच वर्मा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को स्वीकार भी कर लिया है। 43 वर्षीय वर्मा, जिन्होंने 10 वर्षों तक निचली अदालत के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है, को हाल ही में राजकोट सत्र न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।

दो जजों ने इसकी शिकायत की थी। 23 मार्च को, उन्होंने मोदी के उपनाम के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराया। उन्हें एक आपराधिक मानहानि’ मामले में 2 साल की जेल की सजा भी हुई थी। गुजरात के सूरत मजिस्ट्रेट कोर्ट के न्यायाधीश हरीश हसमुखभाई वर्मा को एक महीने के भीतर पदोन्नत क्यों किया गया

यह सवाल अब शीर्ष अदालत में जा पहुंचा है। इस अर्जी पर अगले सोमवार (8 मई) को जस्टिस एमआर शाह की बेंच में सुनवाई होगी। जज वर्मा समेत गुजरात के कुल 68 जजों की प्रमोशन के लिए गाइडलाइंस इसी हफ्ते जारी की गई थी। और गुजरात के दो वरिष्ठ सिविल जजों- रविकुमार मेहता और सचिन प्रतापराय मेहता ने दिशानिर्देशों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका आरोप है कि जज वर्मा समेत 68 लोगों को नियमों का उल्लंघन कर प्रमोशन दिया गया।

राहुल गांधी की तरफ से इस अदालत में सजा सुनाये जाने के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील की गयी थी, जिसे खारिज कर दिया गया है। उसके बाद यह मामला गुजरात उच्च न्यायालय तक जा पहुंचा है। जहां एक जज द्वारा सुनवाई से इंकार करने के बाद दूसरे जज ने इस याचिका को सुनना स्वीकार किया है और गर्मी की छुट्टी के बाद याचिका पर सुनवाई करने की बात कही है। इसके बीच ही जज एचएच वर्मा की प्रोन्नति का मामला अब सुप्रीम कोर्ट आ पहुंचा है।

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