-
पत्रकारों के हितों के कानूनों को हटा रही हैः चौधरी
-
बेइमान है तभी ईमानदारी की कीमत हैः अनुज सिन्हा
-
खुद को और मजबूत करें पत्रकारः प्रो प्रकाश सहाय
रांचीः देश ने कई विकट परिस्थितियां देखी हैं, पर आज का माहौल उस सबसे भिन्न ही नहीं बल्कि बहुत खतरनाक भी है। मीडिया की स्थिति में बदलाव का यह अंतर इससे स्पष्ट होता है कि पहले किसी पत्रकार का सम्मान देश के प्रधानमंत्री तक किया करते थे।
आज असली खबर ही दबा दी जाती है। यह बदलाव देश के लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। यह बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कही। वह अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की परिचर्चा में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
पूर्व मंत्री ने कहा कि इस अंतर को वह और भी बेहतर तरीके से इसलिए समझ सकते हैं, क्योंकि वह पूर्व में केंद्र में गृह और सूचना प्रसारण मंत्री भी रह चुके हैं।
उन्होंने वहां उपस्थित पत्रकारों से कहा कि पहले से लेकर आज भी पत्रकारिता दरअसल एक मिशन ही है।
यह अलग बात है कि आज के दौर में सामान्य पत्रकार ही नहीं बल्कि संपादक भी प्रबंधन के दबाव में है। प्रबंधन भी सरकार के विज्ञापन के भयादोहन का शिकार है। ऐसी स्थिति में आम पत्रकारों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
इस परिचर्चा में भाग लेने के लिए कोलकाता से आये प्रेस काउंसिल के सदस्य प्रज्ञानंद चौधरी ने अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के इतिहास की जानकारी दी और कई महत्वपूर्ण विषयों पर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया।
श्री चौधरी ने कहा कि आज भारत में पत्रकारिता और चुनौतीपूर्ण हो गयी है क्योंकि पत्रकारों को उनका हक दिलाने वाले कानून ही केंद्र सरकार ने हटा दिये हैं।
उन्होंने कहा कि फर्जी खबरों के प्रति असली पत्रकारों को और जागरूक एवं एकजुट होना होगा। इसके बिना इस सामाजिक बुराई को खत्म नहीं किया जा सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार और प्राध्यापक प्रो प्रकाश सहाय ने पत्रकारों को हर स्तर पर मजबूत होने की बात कही क्योंकि अब युग बदल चुका है।
रांची प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि अभी के माहौल में पत्रकारों को न्यूनतम अधिकारी भी नहीं मिल पा रहा है।
प्रभात खबर के संपादक अनुज सिन्हा ने कहा कि इस स्थिति को दूसरे नजरिए से देखने की जरूरत है।
आज इसमें बेईमानी है तभी ईमानदारों की अलग पहचान है। लोगों को अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए क्योंकि इतिहास और समय सही और गलत की पहचान करा देता है। इस मौके पर विभिन्न जिला के प्रतिनिधियों ने भी मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किये।
यूनियन के अध्यक्ष शिव कुमार अग्रवाल ने कहा कि यह अजीब दौर है जहां केंद्र और राज्य सरकार दोनों की भूमिका पत्रकारों के मामले में एक जैसी नजर आ रही है। सभी को अपने लिए चाटूकारिता करने वालों की जरूरत है।
लेकिन यूनियन के सदस्य अपनी ईमानदारी के साथ जिस तरीके से पहले से खड़े थे आज भी उसी तेवर के साथ खड़े हैं।
उन्होंने शीघ्र ही जिला स्तर पर इसके लिए नये सिरे से आंदोलन करने तथा फर्जी खबरों के संबंध में जिलावार कार्यशाला आयोजन की बात कही।
अंत में हाल के दिनों में दिवंगत पत्रकारों और उनके परिजनों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। यूनियन के महासचिव राजीव नयनम ने इसमें शामिल होने वाले सभी को धन्यवाद दिया।
इस समारोह में रांची से अखिलेश सिंह, प्रताप सिंह, अरविंद प्रताप (प्रवक्ता सह सचिव), केदार महतो, गोबिंद यादव, श्रीमंत चटर्जी, प्रदीप कुमार गुप्ता, सुदीप सिंह, ओम प्रकाश सिंह, शिव शंकर गुप्ता, सुनील गुप्ता, मोहम्मद गफ्फार, एमएम राही, जावेद अंसारी, बेरमो से मोहम्मद साबिर, मिथिलेश कुमार, मुकेश कुमार, अविनाश कुमार, इस्तेयाक अहमद, बोकारो से कृष्णा चौधरी, महावीर कुमार, अनिल चंद्रा, योगो पूर्ति, राजेंद्र प्रसाद,
खूंटी से अजीत जयसवाल, सतीश शर्मा, गुमला से श्रीकांत, रणधीर निधि, संजय बड़ाईक, साहेब अली, विजय कच्छप, रामगढ़ से मनोज मिश्रा, प्रदीप वर्मा, जीतेंद्र कुमार, मोहम्मद मुबीन, आकाश शर्मा, सपन परमानिक, हजारीबाग से उमेश प्रताप, कैलाश यादव, कोडरमा से गौतम राणा, सतीश वर्णवाल, जगदीश सलूजा, देवाशीष, दीपक कुमार, संजय साजन, उमा शंकर,
गिरिडीह से शाहिद रजा, जगजीत सिंह बग्गा, लातेहार से राजेश प्रसाद, जावेद अख्तर, कौसर अली,संजय राम, अजीत कुमार, सौरभ गुप्ता, विक्रम कुमार, मोहम्मद इमरान, संतोष सिन्हा, लोहरदगा से कयूम अंसारी, संजय साहू, संजय साहू (भंडरा), ऩंदलाल तिवारी,
चाईबासा से आनंद प्रियदर्शी, संतोष वर्मा, पीएन गोप, जिज्ञासु बेहरा, देवकुमार दास, रणधीर सिंह राणा, अरुण सिंह, पलामू से राणा अरुण सिंह और रांची से जावेद अख्तर, अभिषेक सिन्हा, किसलय शानू झा, राकेश कुमार, विनय राज, जगदीश सिंह अमृत, विजय मिश्रा के अलावा स्थानीय पत्रकारों से भाग लिया।
शिविर में पत्रकारों ने किया रक्तदान
इस आयोजन के साथ साथ वहां रक्तदान और स्वाथ्य जांच शिविर का भी आयोजन किया गया था। इसमें चतरा के सत्येंद्र मलिक सहित दस पत्रकारों ने रक्तदान किया। शिविर में रक्तदान करने वाले को प्रमाण पत्र दिया गया। जबकि अनेक लोगों ने वहां स्वास्थ्य जांच कराया।