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मोखा एक बड़ा सुपर साइक्लोन भी बन सकता है

बंगाल की खाड़ी में फिर बड़े इलाके में बन रहा निम्न दबाव

  • निम्न दबाव के क्षेत्र पर है निरंतर नजर

  • अगर बड़ा हुआ तो बहुत तबाही होगी

  • समुद्र में हवाओं का रुख ऐसा ही है

राष्ट्रीय खबर

कोलकाताः इस बार मोखा नाम का चक्रवाती तूफान आने की आशंका है। बंगाल की खाड़ी की गतिविधियों पर नजर रखने वाले मौसम वैज्ञानिकों ने इसकी जानकारी दी है। अगर यह चक्रवाती तूफान में तब्दील हुआ तो उसे मोखा नाम से जाना जाएगा। वैसे वैज्ञानिक अभी पक्के तौर पर कुछ कहना नहीं चाह रहे हैं। वे वहां की स्थिति का और अध्ययन कर रहे हैं।

इस वजह से रडार के साथ साथ सैटेलाइट से भी उस पर नजर रखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार मई में बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने की संभावना है! मालूम हो कि चक्रवात करीब 160 किलोमीटर की रफ्तार से जमीन से टकरा सकता है. यह चक्रवाती तूफान पश्चिम बंगाल के साथ-साथ बांग्लादेश के तट से भी टकराएगा।

आशंका जताई जा रही है कि यह तूफान कई घंटों तक जारी रह सकता है और तबाही मचा सकता है। हालांकि, अभी इस चक्रवात की पूरी गति का पता नहीं चला है। अगले कुछ दिनों में मौसम विभाग इस तूफान को लेकर खास भविष्यवाणी कर सकेगा। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि अभी जो स्थिति है उसे देखकर यह माना जा सकता है कि यह तूफान पिछले सभी तूफानों से ज्यादा खतरनाक होगा।

जो बंगाल में भयानक स्थिति पैदा करेगा। उल्लेखनीय है कि चक्रवात अम्फान ने पिछले साल मई में राज्य में दस्तक दी थी। उस तूफान में भी सैकड़ों परिवारों के सिर से छत तक छिन गई। कोलकाता शहर ने अपनी सामान्य गति खो दी। जनजीवन सामान्य होने में एक माह से अधिक का समय लग गया। तटीय क्षेत्रों को ठीक होने में काफी समय लगा है।

विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान मॉडल के अनुसार, मई के दूसरे सप्ताह में बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने की संभावना है। इतिहास कहता है कि उस चक्रवात के पश्चिम बंगाल या बांग्लादेश के तट से टकराने की संभावना बहुत प्रबल है। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी कुछ और दिन पहले इस तूफान के बारे में कोई खास भविष्यवाणी करना संभव नहीं है।

प्रारंभिक पूर्वानुमानों के अनुसार चक्रवात मई के दूसरे सप्ताह में भूमध्य रेखा के पास सुमात्रा सागर या अंडमान सागर में बन सकता है। तूफान उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा। लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि तूफान कहां से टकराएगा। कई लोगों का मानना ​​है कि उस समय बंगाल की खाड़ी का मौसम चक्रवात की ऊर्जा के संचय के लिए अनुकूल होगा।

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