पूर्वोत्तर संवाददाता
गुवाहाटी : खालिस्तान समर्थक अमृतपाल से केंद्रीय खुफिया एजेंसियां भी पूछताछ करेंगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमृतपाल को उसके साथियों से दूर एक अलग सेल में रखा गया है। जेल में उसके नौ साथी बंद हैं, जिन्हें पंजाब से गिरफ्तार कर भेजा गया है। सूत्रों ने बताया कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) और अन्य केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की एक टीम जल्द अमृतपाल से पूछताछ डिब्रूगढ़ जेल पहुंचेगी।
सूत्रों ने कहा कि खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह, जिन्हें 23 अप्रैल को डिब्रूगढ़ लाया गया था, को एक अलग सेल में रखा गया है। ‘वारिस पंजाब डे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच 23 अप्रैल को दोपहर करीब 3 बजे डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में रखा गया था। स्वयंभू उपदेशक अमृतपाल सिंह के सहयोगी, जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था, डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में भी बंद थे।
सूत्रों ने कहा, अमृतपाल को उसके साथियों से दूर एक अलग सेल में रखा गया है, जो पंजाब पुलिस की कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किए जाने के बाद उसी जेल में हैं।उससे उसके सहयोगियों और उसके धनस्रोत के बारे में पूछताछ की जाएगी। खुफिया एजेंसियों को उसके पाकिस्तान और अन्य देशों से संबंधों के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां लगी हैं। वहीं, जेल की भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
जेल परिसर की सुरक्षा में असम पुलिस के विशिष्ट ब्लैक कैट कमांडो, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। डिब्रूगढ़ शहर के बीचों-बीच बनी यह जेल 76,203.19 वर्ग मीटर में फैली है। जेल में अलगाववादी संगठनों जैसे यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के कई नेता इस जेल में बंद रहे हैं।
1991 में इस जेल से उल्फा के पांच हाई प्रोफाइल चरमपंथी जेल से फरार हो गए थे। इसके बाद जेल की दीवारों की ऊंचाई को 30 फुट तक बढ़ाया गया है। 57 सीसीटीवी कैमरों से जेल के अंदर कैदियों और जेल में मिलने आने वालों पर नजर रखी जाती है। जेल में अमृतपाल के चाचा, फाइनेंसर, मीडिया सलाहकार और सुरक्षा गार्ड सहित कुल नौ सहयोगी बंद हैं। इनमें उसका फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी, करीबी साथी पपलप्रीत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, वरिंदर सिंह जोहाल, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला, चाचा हरजीत सिंह, भगवंत सिंह, बसंत सिंह और गुरिंदरपाल सिंह औजला का नाम शामिल है।