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ढाकाः दक्षिणी बांग्लादेश में रोहिंग्या मुसलमानों के एक खचाखच भरे शरणार्थी शिविर में भीषण आग लग गई, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए। अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी इमदादुल हक ने कहा कि कॉक्स बाजार जिले के बालूखाली शिविर में तत्काल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
लेकिन इन शिविरों में रहने वालों का भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। रोहिंग्या शरणार्थी स्वयंसेवक एजेंसी और उसके सहयोगियों द्वारा सहायता प्रदान करने के साथ आग पर काबू पाने की कोशिशों में जुटे थे। बता दें कि कई दशकों में 10 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी म्यांमार से बांग्लादेश भाग आये हैं।
जिनमें लगभग साढ़े सात लाख शरणार्थी भी शामिल हैं, जिन्होंने अगस्त 2017 में सीमा पार की थी, जब म्यांमार की सेना ने एक क्रूर कार्रवाई शुरू की थी। 2021 में एक सैन्य अधिग्रहण के बाद से म्यांमार में हालात बदतर हो गए हैं और शरणार्थियों को वापस भेजने के प्रयास विफल हो गए हैं।
पिछले साल, संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि म्यांमार में रोहिंग्या का उत्पीड़न नरसंहार के बराबर है, जब अमेरिकी अधिकारियों ने जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक व्यवस्थित अभियान में सेना द्वारा नागरिकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अत्याचार की पुष्टि की।
मुस्लिम रोहिंग्या को बौद्ध-बहुसंख्यक म्यांमार में व्यापक भेदभाव का सामना करना पड़ता है, जहां अधिकांश को नागरिकता और कई अन्य अधिकारों से वंचित रखा जाता है। रविवार, 5 मार्च, 2023 को बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार जिले के उखिया में बालुखाली शिविर में भीषण आग लगने के बाद जान बचाकर भागने वाले शरणार्थी बाद में अपने अपने राख हो चुके घरों में काम के सामान की तलाश में जुटे रहे।
वैसे अब तक आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया गया है कि अत्यधिक भीड़ भरे इस शिविर में आग कैसे लगी। वैसे इस आग में जिन लोगों के घर जल गये हैं, वे फिलहाल खुले आसमान के नीचे रहने के लिए विवश हैं। उनके लिए भोजन और अन्य राहत का प्रबंध किया जा रहा है।