मॉस्कोः रूसी सेना अब पड़ोसी फिनलैंड की सीमा पर भी अपनी मौजूदगी को मजबूत कर रही है। इसके लिए खुद राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने सेना को आदेश दिया है। दरअसल यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बीच ही फिनलैंड और नार्वे ने नाटो की सदस्यता लेने का फैसला किया है।
इसके बाद ही रूस ने इस सीमा पर अपनी सेना बढ़ा दी है। वरना पहले इन दोनों देशों की सीमा पर जांच चौकी होती थी और वहां नाम मात्र के सैनिक मौजूद हुआ करते थे। मिली जानकारी के मुताबिक रूस ने अपनी एक मिसाइल टुकड़ी को भी इसी फिनलैंड की सीमा के करीब पहुंचा दिया है।
इस बीच पुतिन ने अपने देश की सेना में अगले तीन वर्षों में 15 लाख और सैनिक जोड़ने का भी फैसला ले लिया है। पुतिन ने पहले ही इन देशों को नाटो में शामिल नहीं होने की चेतावनी दी थी और कहा था कि रूस अपनी सीमा के करीब नाटो की मौजूदगी होने नहीं देगा।
इस चेतावनी के बाद भी दोनों देशों ने नाटो की सदस्यता लेने का फैसला किया। जिसके बाद पुतिन के निर्देश पर इन दोनों देशों की सीमा पर रूसी सेना का जमावड़ा बढ़ गया है। रूस के रक्षा मंत्री सेरेगेई शोइगू ने कहा कि राष्ट्रपति के आदेश पर फिनलैंड की सीमा पर दो सैनिक जिला भी तैयार किये जा रहे हैं। वहां पर सेना की एक बड़ी टुकड़ी का मुख्यालय भी बनाया जाएगा।
यह सारे बदलाव तब हो रहे हैं जबकि रूस के साथ यूक्रेन का युद्ध जारी है और यूक्रेन के चार इलाकों को रूस ने कब्जा कर लेने के बाद उन्हें अपना भूभाग घोषित कर दिया है। फिनलैंड और नार्वे की सीमा पर सैनिक बढ़ाने के पहले ही चेतावनी के लहजे में पुतिन ने कहा था कि इन देशों ने एक बहुत बड़ा गलत फैसला लिया है।
इसलिए अपनी सीमा के बिल्कुल करीब नाटो की मौजूदगी को रूस हर कीमत पर रोक देगा। यूक्रेन ने भी ऐसी गलती की थी, जिसकी सजा वह भोग रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक इस सीमा की तरफ अब बख्तरबंद गाड़ियों का काफिला रवाना हो गया है। इंफैंट्री डिविजन के सात ब्रिगेडों को वहां भेजा गया है। इसके साथ साथ वहां नौसेना और वायुसेना की मौजूदगी भी बढ़ा दी गयी है।