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गठबंधन की सरकार ओबीसी हितों के प्रति असंवेदनशीलः राजेश गुप्ता

रांची: राज्य की गठबंधन की सरकार ओबीसी के हितों के प्रति असंवेदनशील है एक ओर जहां मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार सरकार ओबीसी का आरक्षण सुनिश्चित कर   पंचायत और नगर निगम चुनाव करा ली तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की सरकार ने ट्रिपल टेस्ट के तहत आयोग का गठन पदाधिकारियों का चयन भी कर लिया है।

लेकिन झारखंड सरकार उस दिशा में विफल है। उक्त बातें राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने आज प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता में कही श्री गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा विगत मार्च से अब तक ट्रिपल टेस्ट करने की मांग को लेकर कई आंदोलन की है बावजूद सरकार उस दिशा में टस से मस नहीं हो रही है।

अर्थात आयोग का भी गठन सरकार ने नहीं की है जबकि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में भी मामले चल रहे हैं सरकार न्यायालय की भी नहीं सुन रही है। प्रेस वार्ता के माध्यम से राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा अन्य मांगों में जातीय जनगणना कराने, स्वतंत्र ओबीसी मंत्रालय गठन करने और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष व अन्य सदस्य के रिक्त पदों को भरने की मांग की है।

प्रदेश उपाध्यक्ष सूबेदार एसएन सिंह कुशवाहा ने कहा की आगामी बजट में ओबीसी का भी बजट संख्या का अनुपात में वार्षिक बजट बननी चाहिए. जैसे अनुसूचित जाति जनजाति के लिए जनसंख्या अनुपात में बजट का प्रावधान किया जाता है. तथा 27 परसेंट आरक्षण लागू कर ही सरकारी नौकरियों में नियुक्ति निकाली जाए व राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा 50% आरक्षण को लागू किया जाए।

प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश जयसवाल, सूबेदार एसएन सिंह कुशवाहा, महासचिव श्याम सुंदर प्रसाद, शिवप्रसाद साहू, रामलखन साहू, संतोष शर्मा, अभय प्रसाद, रामचरण साहू उपस्थित थे।

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