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एक वक्त खाने का पैसा भी नहीं बचा था
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हिंदी शिक्षिका ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की
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अत्यधिक समर्थन के बाद अब पोस्ट को हटा लिया
राष्ट्रीय खबर
तिरुअनंतपुरमः फेसबुक की एक अपील ने सारी परेशानियों को हल कर दिया। यहां की एक महिला की मदद के लिए यह अपील जारी की गयी थी। दरअसल 46 साल की सुभद्रा के लिए यह अपील वहां की हिंदी शिक्षिका मिज हरिकुमार ने जारी की थी। उन्होंने इस बारे में पूरी जानकारी मीडिया को दी है।
उनके मुताबिक सुभद्र के पति का निधन अगस्त माह में हो गया था। अपने तीन बच्चों के भरणपोषण के लिए उनके पास कोई साधन नहीं था। कोशिशों के बाद भी वह अपने लिए भी कोई नौकरी नहीं जुटा पायी थी। इस दौरान सुभद्रा ने अपने दूसरे पुत्र की शिक्षिका से अपनी परेशानी बयां की। उन्होंने कहा कि अब तो आज के लिए भी खाने जुटाने के लिए एक पैसा भी नहीं बचा है। उनकी परेशानी यह भी थी कि उनका सबसे छोटा बेटा सेलिब्रल पैल्सी से पीड़ित है और उसे हर दम देखभाल की जरूरत पड़ती रहती है।
गिरिजा ने अपनी तरफ से उन्हें तत्काल राहत के तौर पर एक हजार रुपये दिये थे। साथ ही वह समझ गयी थी कि इससे पूरे परिवार का काम नहीं चल सकता है। लिहाजा उन्होंने फेसबुक पर पूरी जानकारी देते हुए लोगों से इस महिला की मदद की अपील की थी। इस पोस्ट के जारी होन के बाद देश दुनिया तक यह सूचना पहुंचने लगी।
पिछले रविवार तक इसी पोस्ट के आधार पर सुभद्रा को पचपन लाख रुपये की मदद मिल चुकी थी। मिज हरिकुमार के मुताबिक उसके बाद वह उनके घर गयी और पूरी स्थिति का मुआयना करने के बाद ही फेसबुक पर मदद की अपील जारी की। शुक्रवार की शाम को फेसबुक पर यह पोस्ट जारी किया गया था। इस पोस्ट में सुभद्रा के बैंक खाते का विवरण भी दिया गया था।
उसके बाद से ही अनजाने लोगों न महिला की मदद करने का काम प्रारंभ किया। जिसका नतीजा है कि रविवार तक उसके बैंक खाता में 55 लाख रुपये जमा हो चुके थे। अब सुभद्रा ने तय किया है कि अपने स्वर्गीय पति ने जिस मकान को बनाने का काम प्रारंभ किया था, उसे पूरा किया जाएगा। शेष रकम को वह बैंक में ही जमा रखेगी ताकि उनके परिवार का खर्च चल सके। इतनी अधिक मदद के बाद अब फेसबुक से उस पोस्ट को भी हटा लिया गया है, यह जानकारी खुद मिज हरिकुमार ने दी है।