मॉस्कोः रूस की सीमा के काफी अंदर भी यूक्रेन की सेना ने हमला किया है। यह हमला दक्षिण पश्चिमी रूस के कुर्कस्क हवाई पट्टी पर हुआ है। यूक्रेन की तरफ से भी इस हमले की पुष्टि के साथ यह दावा किया गया है कि इससे रूसी वायुसेना के विमानों को नुकसान पहुंचा है।
वैसे इस एक हमले ने नये सवाल और युद्ध के और भड़कने की आशंका को बढ़ा दिया है। दरअसल पश्चिमी देशों में यूक्रेन को जो हथियार उपलब्ध कराये हैं, वे रूस की सीमा के इतने अंदर तक घुसकर हमला करने की क्षमता नहीं रखते। इसलिए यह सवाल उठ गया है कि आखिर यह हमला कैसे हुआ है। यह हमला ड्रोन के सहारे किया गया है। जिसकी वजह से वहां के एक तेल टैंकर में लगी आग की लपटों को लोगों ने भी देखा है।
दरअसल यह हमला रात के अंधेरे में हुआ और सुबह लोगों ने वहां से आग और धुआं निकलते हुए देखा है। सोमवार को एंजेल्स एयर बेस पर भी ऐसा ही हमला हुआ है जो मॉस्को से मात्र सवा सौ किलोमीटर की दूरी पर है। इस हवाई पट्टी पर रूस के खास किस्म के बम वर्षक विमान रखे जाते हैं, जिनका उपयोग यूक्रेन पर बमबारी में किया गया है।
खतरे की बात यह भी है कि यहां रखे गये विमान परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने इन हमलों के लिए खुले तौर पर यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि दरअसल इन हमलों में तीन लोग मारे गये हैं जबकि दो विमानो को नुकसान पहुंचा है। इस घटना के बाद यह समझा जा रहा है कि रूसी सेना की तरफ से भी यूक्रेन के अन्य इलाकों पर कभी भी हमला हो सकता है और उन हमलों की नुकसान भी अधिक होने का अंदेशा है।
रूस का अनुमान है कि सोवियत संघ जमाने के हथियारों का इसमें इस्तेमाल किया गया है और पुराने ड्रोनों की मदद से इसे अंजाम दिया गया है। वरना पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को रूस के इतने अंदर तक जाकर हमला करने में सक्षम हथियार नहीं दिये हैं। अमेरिका ने भी उसे जो तोपखाना उपलब्ध कराया है, वह रूसी सीमा के अंदर तक गोले नहीं बरसा सकता है। अब इस घटना के बाद रूस की तरफ से क्या जबावी कार्रवाई होती है, उसकी प्रतीक्षा यूक्रेन की सेना को भी है।