नैनीताल के स्थानीय लोगों में शोक और आक्रोश
राष्ट्रीय खबर
देहरादूनः उत्तराखंड के पर्वतीय अंचलों में वन्यजीवों और मानव के बीच बढ़ता संघर्ष एक बार फिर त्रासदी का कारण बना है। नैनीताल जनपद के धारी ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत तल्ली दीनी के धुरा तोक में शुक्रवार की सुबह एक भयानक हादसे के साथ शुरू हुई। यहाँ एक 35 वर्षीय महिला, हेमा देवी, वन्यजीवों के आतंक का शिकार बन गईं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, हेमा देवी हर रोज की तरह अपने मवेशियों के लिए चारा लेने हेतु घर के समीप स्थित वन क्षेत्र की ओर गई थीं। उन्हें इस बात का आभास भी नहीं था कि घनी झाड़ियों के पीछे साक्षात मृत्यु घात लगाकर बैठी है।
जैसे ही हेमा देवी पगडंडी पर आगे बढ़ीं, एक तेंदुए ने उन पर अचानक हमला बोल दिया। तेंदुए ने महिला की गर्दन दबोच ली और उन्हें घसीटते हुए जंगल की गहराई में ले जाने लगा। महिला की चीखें सुनकर पास ही मौजूद उनके देवर मदद के लिए दौड़े। उन्होंने साहस दिखाते हुए तेंदुए का पीछा किया और पत्थर मारकर उसे भगाने का प्रयास किया, किंतु हिंसक जीव महिला को अपने जबड़ों में दबाए हुए घने जंगलों में ओझल हो गया। शोर सुनकर ग्रामीण एकत्रित हुए और खोजबीन शुरू की गई, जिसके कुछ समय बाद जंगल में महिला का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में वन विभाग के प्रति भारी असंतोष पैदा कर दिया है। सूचना मिलने पर डीएफओ नैनीताल आकाश गंगवार सहित अन्य अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों का आरोप है कि रिहायशी इलाकों के पास जंगली जानवरों की आवाजाही बढ़ने के बावजूद विभाग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं। उग्र ग्रामीणों ने तेंदुए को आदमखोर घोषित कर उसे ढेर करने या पिंजरे में कैद करने की पुरजोर मांग की है। वर्तमान में विभाग द्वारा मुआवजे की प्रक्रिया और शव के सैंपलिंग की कार्रवाई की जा रही है, लेकिन गाँव में अब भी सन्नाटा और दहशत पसरी हुई है।