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दुनिया भर में मलेरिया के खिलाफ विज्ञान की महाजीत

गैनलूम नामक दवा का क्लीनिकल ट्रायल प्रारंभ

  • एक पुरानी चुनौती और नई उम्मीद

  • भारत में भी इसका परीक्षण हुआ है

  • विषाणु पर चौतरफा हमला करता है

राष्ट्रीय खबर

रांचीः दिसंबर 2025 विज्ञान और चिकित्सा के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होने जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थानों ने गैनलूम नामक एक क्रांतिकारी दवा के सफल क्लिनिकल ट्रायल की घोषणा की है। यह दवा न केवल मलेरिया के इलाज में प्रभावी साबित हुई है, बल्कि इसने 99.2 प्रतिशत की अभूतपूर्व सफलता दर दर्ज की है, जो चिकित्सा विज्ञान में एक चमत्कार से कम नहीं है।

मलेरिया दशकों से मानवता के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है। विशेष रूप से अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में, प्लाज्मोडियम परजीवी ने पारंपरिक दवाओं (जैसे क्लोरोक्वीन) के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली थी। ऐसी स्थिति में, दुनिया को एक ऐसे फॉर्मूले की तलाश थी जो परजीवी के जीवन चक्र को सीधे निशाना बना सके। गैनलूम इसी समस्या का समाधान बनकर उभरी है।

गैनलूमएक मल्टी-स्टेज ब्लॉकर दवा है। वैज्ञानिक भाषा में समझें तो यह शरीर में प्रवेश करने के बाद न केवल रक्त में मौजूद परजीवियों को नष्ट करती है, बल्कि लीवर में छिपे उन सुप्त परजीवियों को भी खत्म कर देती है जो भविष्य में दोबारा बीमारी का कारण बनते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह दवा परजीवी के प्रोटीन संश्लेषण की प्रक्रिया को बाधित कर देती है, जिससे वह प्रजनन करने में असमर्थ हो जाता है।

इस दवा का अंतिम चरण का परीक्षण अफ्रीका और भारत के कुछ हिस्सों में किया गया। परीक्षण के दौरान देखा गया कि गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों में भी दवा की पहली खुराक के मात्र 24 घंटों के भीतर परजीवियों की संख्या में 80 फीसद तक की गिरावट आई। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दवा के दुष्प्रभाव नगण्य पाए गए हैं, जिससे यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी सुरक्षित मानी जा रही है।

प्रतिवर्ष मलेरिया से लाखों मौतें होती हैं, जिनमें बड़ी संख्या छोटे बच्चों की होती है। गैनलूम की खोज से न केवल मौतों के आंकड़ों में कमी आएगी, बल्कि यह स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को भी कम करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस दवा का वितरण सही ढंग से किया गया, तो अगले एक दशक के भीतर हम दुनिया को “मलेरिया मुक्त” बनाने के सपने को साकार कर सकते हैं।

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