गृह मंत्रालय ने केजरीवाल के खिलाफ मामला चलाने की अनुमति दी
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः अदालत में कोई भी सबूत पेश नहीं कर पाने के बाद भी भाजपा की तरफ से दिल्ली चुनाव में दोबारा शराब घोटाला को उछाला जा रहा है। इस बार फिर से सीएजी की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। इस रिपोर्ट को अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है और सीएजी की वेबसाइट पर भी इसका कोई उल्लेख नहीं है।
इसके बीच ही ईडी आबकारी भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर सकेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। कुछ दिन पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस संबंध में मंजूरी दे दी थी। इस बार ईडी को अमित शाह के मंत्रालय से मंजूरी मिल गई। परिणामस्वरूप विधानसभा चुनाव से पहले आप प्रमुख का खतरा बढ़ गया।
पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल मामले में कहा था कि राज्य सरकार की सहमति के बिना किसी भी जनप्रतिनिधि के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती। इससे पहले, ईडी को किसी भी मामले में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के लिए राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता नहीं थी।
इसके आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी। उस पत्र में ईडी ने दावा किया था कि केजरीवाल आबकारी मामले में सरगना और मुख्य साजिशकर्ता हैं!
ईडी ने पिछले जुलाई में आबकारी मामले में अदालत में 200 पृष्ठों का आरोपपत्र पेश किया था। इसमें केजरीवाल और दिल्ली की सत्तारूढ़ आप पर आरोप लगाया गया। निचली अदालत ने कहा था कि आरोपपत्र में केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त जानकारी मौजूद है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
उच्च न्यायालय में उनकी दलील थी कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए सरकार से पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है, जो ईडी ने नहीं ली। इसी संदर्भ में नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को अनुमति लेने का आदेश दिया। ईडी ने 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया।
इसी मामले में सीबीआई ने 26 जून को उन्हें ‘शोन अरेस्ट’ (गिरफ्तार व्यक्ति को नए सिरे से हिरासत में लेना) के तहत रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोनों मामलों में अंतरिम जमानत दे दी है। जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वह फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। इस बीच, केजरीवाल शाह के मंत्रालय की मंजूरी को लेकर परेशानी में पड़ गए।