पांच देशों के दूतावास बंद करने का फैसला
राष्ट्रीय खबर
ढाकाः पांच देशों में बांग्लादेश के दूतावासों और उच्चायोगों में कार्यरत पांच अधिकारियों को उनके पदों और कार्यस्थलों से हटा दिया गया है। साथ ही उन्हें देश वापस लौटने का भी निर्देश दिया गया है। इस संबंध में हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी की गई है।
ये अधिकारी हैं: पाकिस्तान के इस्लामाबाद में बांग्लादेश उच्चायोग के काउंसलर (प्रेस) तैयब अली, मलेशिया के कुआलालंपुर में बांग्लादेश उच्चायोग के प्रथम सचिव (प्रेस) सूफी अब्दुल्लाहिल मारूफ, पाकिस्तान के महावाणिज्य दूतावास के प्रथम सचिव (प्रेस) दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में बांग्लादेश, आरिफुर रहमान, रियाद, सऊदी अरब में बांग्लादेश उच्चायोग, दूतावास के द्वितीय सचिव (प्रेस) असदुज्जमां खान, और टोक्यो, जापान में बांग्लादेश दूतावास के द्वितीय सचिव (प्रेस) इमरानुल हसन।
अधिसूचना में कहा गया है कि विदेश में बांग्लादेश मिशनों में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत प्रेस विंग में कार्यरत इन अधिकारियों को अपने वर्तमान पदों और कार्यस्थलों से हटाने तथा अपनी अगली पोस्टिंग के लिए अगले 15 कार्य दिवसों के भीतर स्वदेश लौटने का अनुरोध किया गया है।
इससे पहले, 24 नवंबर को सरकार ने नई दिल्ली, भारत और लंदन, ब्रिटेन स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के प्रेस विंग के दो पत्रकारों को प्रेस मंत्री नियुक्त किया था। बीबीसी ढाका ब्यूरो के वरिष्ठ पत्रकार अकबर हुसैन मजूमदार को बांग्लादेश उच्चायोग के यूके मिशन में नियुक्त किया गया है। तथा फैसल महमूद को नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग में नियुक्त किया गया है। लोक प्रशासन मंत्रालय ने एक अलग अधिसूचना जारी कर उन्हें दो वर्ष के अनुबंध पर उस पद पर नियुक्त किया है।
युनूस सरकार के इस फैसले से राजनीतिक दलों में भी हैरानी देखी जा रही है। दरअसल यह समझा जा रहा है कि धीरे धीरे विदेश में कूटनीतिक संबंधों में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार अपनी अलग लकीर खिंचना चाहते हैं। पहले शेख हसीना पहले ही देश छोड़कर भारत में शरण पा चुकी थी। अब अपनी बीमारी का ईलाज कराने दूसरी बड़ी पार्टी बीएनपी की प्रमुख खालिदा जिया भी लंदन जा चुकी हैं। ऐसे में युनूस अपनी पसंद के मुताबिक इन देशों में अपने लोगों को रखने की योजना पर काम कर रही है।