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बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार से मिले भारतीय विदेश सचिव

बांग्लादेशियों के लिए वीजा बढ़ाने की उम्मीद

  • दोनों देशों के संबंध बेहतर करने पर बात

  • मेडिकल वीजा जारी करना कभी नहीं रोका

  • सीमा बंद होने से जरूरी सामानों की कमी

राष्ट्रीय खबर

 

ढाकाः भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री की ढाका यात्रा के बाद देश की अंतरिम सरकार बांग्लादेशियों के लिए भारतीय वीजा की संख्या बढ़ने की उम्मीद कर रही है। कामचलाऊ सरकार के सलाहकारों में से एक सैयदा रिजवाना हसन ने दावा किया कि विदेश सचिव ने खुद बैठक में इस संबंध में सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया था।

बांग्लादेश के विदेश सचिव मुहम्मद जसीम उद्दीन ने सोमवार को ढाका में विदेश सचिव मिस्री के साथ बैठक की। बाद में मिस्री ने विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन और मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से भी शिष्टाचार मुलाकात की। तीन बैठकों में विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई – जिसका सार यह है कि दोनों पक्ष अच्छे संबंध चाहते हैं।

मिस्री यूनुस बैठक के बाद अंतरिम सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु सलाहकार सैयदा ने बांग्लादेश के राज्य अतिथि गृह जमुना के सामने पत्रकारों से बात की। . बांग्लादेश की आधिकारिक समाचार एजेंसी के मुताबिक, उन्होंने कहा, विक्रम मिस्री ने आश्वासन दिया है कि बांग्लादेशी नागरिकों के लिए भारतीय वीजा की संख्या बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

सैयदा ने यह भी कहा कि भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई. दरअसल, शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के दौरान बांग्लादेश में अशांत स्थिति पैदा हो गई थी. उस समय बांग्लादेश में भारतीय दूतावास से वीजा जारी करना कुछ दिनों के लिए अस्थायी रूप से रोक दिया गया था।

हालाँकि, हसीना की सरकार गिरने के एक हफ्ते बाद, ढाका में भारतीय दूतावास ने बांग्लादेशियों को फिर से वीजा जारी करना शुरू कर दिया। हालाँकि, वह काम सीमित तरीके से जारी है। बांग्लादेश से कई लोग इलाज के लिए इस देश में आते हैं। हालांकि, जिन लोगों को जरूरी और मेडिकल कारणों से वीजा की जरूरत है, उनके लिए कोई समस्या नहीं आई है।

दरअसल बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों पर हमले तथा कई मंदिरों को क्षतिग्रस्त करने एवं इस्कॉन के साधु को गिरफ्तार करने की भारत में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। बांग्लादेश को भी विरोध की वजह से कई स्थानों पर अपना कार्यालय बंद करना पड़ा है। इसके बीच दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में खटास आने की वजह से बांग्लादेश में आम जरूरत की चीजों में कमी हुई है।

दूसरी तरफ भारत के अनेक शहरों में बांग्लादेश के मरीजों और पर्यटकों पर प्रतिबंध लगाने का भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसके बीच ही स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में भारत के विदेश सचिव ने बांग्लादेश का दौरा किया है।

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