समझौता खारिज करने की नोटिस के बीच सरकार का बयान
राष्ट्रीय खबर
ढाकाः भारत के अडाणी समूह के बकाया बिजली बिल भुगतान में तेजी आई। इसमें और बढ़ोतरी होगी। फिलहाल उन पर 700 मिलियन डॉलर का बकाया है। जल्द ही इसका भुगतान कर दिया जायेगा। ये बातें रविवार को राजधानी स्थित फॉरेन सर्विस एकेडमी में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के प्रेस विंग द्वारा आयोजित मीडिया ब्रीफिंग में कही गईं।
इस अवसर पर मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम, उप प्रेस सचिव मोहम्मद अबुल कलाम आजाद मजूमदार और अपूर्बा जहांगीर ने संबोधित किया। कार्यक्रम में बताया गया कि सरकार विदेशों से तस्करी का पैसा वापस लाने पर काम कर रही है। जातीय पार्टी कार्यालय में आग लगाने के मामले की जांच कानून एवं व्यवस्था की ताकतें कर रही हैं।
शफीकुल आलम ने कहा कि अवामी लीग सरकार के पतन के बाद देश में धन प्रेषण की गति बढ़ी है। परिणामस्वरूप, अब मैं बांग्लादेश बैंक के भंडार को छुए बिना अंतर्राष्ट्रीय भुगतान कर सकता हूं। भारत के अडाणी ग्रुप ने बकाया भुगतान की रफ्तार पकड़ ली है। इसमें और बढ़ोतरी होगी। सरकार के पास वह क्षमता है।
उन्होंने कहा कि यह सच है कि भारत के अडाणी समूह को बिजली आयात करने के लिए पैसा मिलता है। उनके भुगतान में तेजी लाएं। शेष बिलों के लिए पिछली अवामी लीग सरकार मुख्य रूप से जिम्मेदार है। उन्होंने बैकलॉट की बड़ी-बड़ी फाइलें छोड़ दीं। उन्होंने यह भी कहा कि हमने पिछले महीने अडाणी ग्रुप को 9।7 मिलियन डॉलर का भुगतान किया था।
यह अगस्त या पिछले महीने से दोगुना है। अधिक से अधिक भुगतान तेजी से हो इसके लिए हमारी ओर से एक पहल की गई है। शफीकुल आलम ने यह भी कहा, हम किसी के द्वारा बिजली बंधक (ईंधन निर्भरता) नहीं बनेंगे। आत्मनिर्भर बनें।
अवामी लीग सरकार के दौरान विदेश में 16 से 18 अरब डॉलर की तस्करी के आरोपों के बारे में उन्होंने कहा कि गिरी हुई अवामी लीग सरकार ने एक तरह की मनी लॉन्ड्रिंग प्रतियोगिता शुरू की थी। सरकार उस पैसे को वापस लाने के लिए काम कर रही है। कितने पैसे की तस्करी हुई है, इसका पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है। विस्तृत जानकारी उस श्वेत पत्र समिति की रिपोर्ट में पाई जा सकती है।
इस बीच अडाणी के साथ सभी अनुबंध रद्द करने की मांग करते हुए सरकार को कानूनी नोटिस भेजा गया है। सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने सरकार को कानूनी नोटिस भेजकर अडाणी के साथ सभी बिजली अनुबंध रद्द करने की मांग की है। बैरिस्टर एम कय्यूम ने बुधवार सुबह रजिस्ट्रार को लीग का नोटिस डाक से भेजा। नोटिस में अनुचित एकतरफा अनुबंध में तत्काल संशोधन या पूरी तरह से रद्द करने का आह्वान किया गया है। संबंधित वकील ने यह भी कहा कि अगर अडाणी ने तीन दिनों के भीतर अनुबंध समीक्षा प्रक्रिया शुरू नहीं की, तो वह उच्च न्यायालय में रिट दायर करेंगे। विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए ऊर्जा और कानूनी विशेषज्ञों की एक समीक्षा समिति भी बुलाई गई है। पीडीबी के अध्यक्ष और ऊर्जा मंत्रालय के सचिव को कानूनी नोटिस का जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। बिजली विभाग के मार्गदर्शन में 2017 में अडाणी के साथ बिजली खरीद समझौता किया गया था। उस समय देश में कोई भी आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्र शुरू नहीं हुआ था। इनमें से एक अनुबंध 2017 में अडाणी के साथ हस्ताक्षरित 25-वर्षीय बिजली खरीद समझौता है।