पूर्ण राज्य का दर्जा में जल्दबाजी नहीः रविंदर रैना
जम्मू: जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंदर रैना ने शनिवार को कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करना कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि नीतिगत मामला है और इस विषय पर किसी भी तरह की जल्दबाजी से बचना चाहिए, क्योंकि जम्मू-कश्मीर पिछले 35 वर्षों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण काफी पीड़ित रहा है।
वह जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय की वर्षगांठ के अवसर पर उधमपुर में एक कार्यक्रम के मौके पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा बहाल करने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए रैना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र है, जो पिछले 3.5 दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का दंश झेल रहा है।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और जम्मू-कश्मीर के नागरिकों, सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों की कड़ी मेहनत से पिछले 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में शांति, सद्भाव और समृद्धि बहाल हुई है। रैना ने जोर देकर कहा कि शांति की वापसी के बाद एक निर्वाचित सरकार ने शपथ ली है और संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति किए बिना आपसी सहयोग के जरिए चर्चा और समाधान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, मेरी राय में, जम्मू-कश्मीर सरकार को अपने लोगों के कल्याण के लिए केंद्र के साथ समन्वय करना चाहिए और सभी संवेदनशील मुद्दों, भड़काऊ कार्रवाई या बयानों से बचना चाहिए। गंदेरबल और गुलमर्ग में हुए घातक आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शांति के दुश्मन चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में खूनखराबा जारी रहे।
इससे पहले रैना ने पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि महाराजा हरि सिंह के भारत के साथ विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के फैसले ने जम्मू-कश्मीर के निवासियों की जान बचाई, जो अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में रहने वाले लोगों की दुर्दशा से स्पष्ट है। कांग्रेस और एनसी पर कड़ा प्रहार करते हुए जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख ने कहा कि आजादी और विभाजन के दिनों में उनकी गठजोड़ ने 1947 से 2019 तक जम्मू-कश्मीर को लहूलुहान कर दिया। उन्होंने कहा, जब पीएम नरेंद्र मोदी ने कठोर अनुच्छेद 370 को निरस्त किया, तब जम्मू-कश्मीर का शेष भारत के साथ एकीकरण पूरा हुआ।