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आधी रात को चक्रवाती तूफान डाना जमीन पर आया

पेड़ उखड़े, भीषण बारिश अब सात जिलों में भूस्खलन का खतरा

राष्ट्रीय खबर

कोलकाताः भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि गुरुवार आधी रात के बाद ओडिशा तट पर भितरकनिका और धामरा के पास भीषण चक्रवाती तूफान डाना ने दस्तक दी है। वैसे तूफान आने के पहले ही भीषण चक्रवाती तूफान डाना के आने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और यह सुबह तक जारी रहने की संभावना है।

तूफान के आने से छह घंटे पहले ही चक्रवाती तूफान की बाहरी परत ओडिशा के तटीय क्षेत्र को घेर चुकी थी, जिससे गुरुवार शाम को व्यापक बारिश और हवाएं चलीं। बंगाल की खाड़ी में तूफानी लहरें उठ रही थीं और तट पर ऊंची लहरें उठ रही थीं। भद्रक और केंद्रपाड़ा जिलों में अलग-अलग स्थानों पर पेड़ उखड़ गए और बिजली के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा,

जबकि आपदा प्रतिक्रिया बल सड़क के किनारे अवरोधों को हटाने के लिए सावधानी से आगे बढ़ रहे थे। एहतियाती उपाय के तौर पर, ओडिशा सरकार ने 5.84 लाख लोगों को अलग-अलग चक्रवात आश्रयों में पहुंचाया, जहां पका हुआ भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी से फोन पर बात की और चक्रवात डाना के लिए राज्य की तैयारियों पर अपडेट प्राप्त किया। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री दोनों ने चक्रवात से निपटने के लिए ओडिशा की तत्परता पर संतोष व्यक्त किया।

खारे पानी के मगरमच्छों के लिए प्रसिद्ध भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान चक्रवात डाना के क्षेत्र में होने की वजह से अधिकारी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि तट के किनारे घने मैंग्रोव वन चक्रवात की हवाओं की तीव्रता को कम करने में मदद करेंगे, क्योंकि 1999 के सुपर साइक्लोन के बाद बने पिछले छह चक्रवातों में उन्होंने जैविक ढाल के रूप में काम किया था।

इस बीच लोगों को मोबाइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए, सात प्रभावित जिलों में इंट्रा सर्कल रोमिंग को सक्रिय किया गया था। ओडिशा के आईटी मंत्री मुकेश महालिंग के अनुसार, इससे एक दूरसंचार प्रदाता के ग्राहक दूसरे के नेटवर्क तक पहुँच सकेंगे, जब उनके अपने प्रदाता का नेटवर्क डाउन हो।

इससे पहले, श्री माझी ने जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चक्रवात की तैयारियों की समीक्षा की। 11 जिलों के 64 ब्लॉकों के 2,163 गाँवों के प्रभावित होने की संभावना है। जिला प्रशासन ने 4431 गर्भवती महिलाओं को विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रसूति गृहों में भर्ती कराया। उनमें से लगभग 1600 ने बच्चों को जन्म दिया।

इसी तरह, 19 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमें, 51 ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल की इकाइयाँ, 95 ओडिशा वन विकास निगम की टीमें और 220 अग्निशमन सेवा की टीमें समेत 385 आपदा प्रतिक्रिया बल की इकाइयाँ तैनात की गई हैं। इसके अलावा, भीड़ को नियंत्रित करने और उन गाँवों में चौबीसों घंटे गश्त करने के लिए पुलिस की 158 टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं जहाँ से लोग चक्रवात आश्रयों में चले गए हैं। आज सुबह करीब नौ बजे तूफान का असर कम होने के दौरान इसका केंद्र उड़ीसा के मारकोना के करीब था।

इसके प्रभाव से दक्षिण बंगाल के कई जिलों में जबर्दस्त बारिश हो रही है। इन इलाकों में भी पहले से ही सतर्कता बरती जा रही है। अभी के सैटेलाइट चित्रों के मुताबिक चक्कर लगाते हवा का यह झोंका धीरे धीरे बिहार के भागलपुर तक जाएगा। वैसे इस दौरान हवा की गति धीमी हो जाएगी। अनुमान है कि इसका प्रभाव रांची तक भी होगा और रात के ग्यारह बजे इसे झारखंड की राजधानी में महसूस किया जा सकेगा।

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