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उमर अब्दुल्ला ही मुख्यमंत्री होंगे: फारूख अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल होना सबसे जरूरी

  • कई निर्दलीय विधायक भी समर्थन में

  • गुरुवार को इंडिया गठबंधन की बैठक

  • धारा 370 के लिए लड़ाई अब भी जारी रहेगी

श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के नेता डॉ फारूख अब्दुल्ला से स्पष्ट कर दिया का पार्टी के नेता उमर अब्दुल्ला ही राज्य के नये मुख्यमंत्री होंगे। विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के स्पष्ट बहुमत हासिल करने के बाद उन्होंन मीडिया के बीच यह बात कही। दूसरी तरफ नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि नये मंत्रिमंडल का पहला काम राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रस्ताव पारित करना होना चाहिए।

श्री अब्दुल्ला ने कहा कि नए मुख्यमंत्री को प्रस्ताव लेकर दिल्ली जाना चाहिए और वरिष्ठ मंत्रियों से मिलकर उनसे अपना वादा पूरा करने के लिए कहना चाहिए। उन्होंने मीडिया को बताया कि सरकार सिर्फ नेकां या उसके गठबंधन की नहीं होगी, बल्कि सभी को शामिल करेगी, खास तौर पर उन इलाकों पर ध्यान दिया जाएगा, जहां गठबंधन के कम विधायक चुने गये हैं।

उन्होंने कहा कि कई निर्दलीय विधायकों ने नेकां में शामिल होने की बात की है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि निर्वाचित सदस्यों की विधायक दल की बैठक गुरुवार को होने वाली है। उसके बाद गठबंधन के नेता पर फैसला करने के लिए गठबंधन की बैठक होगी।

उन्होंने कहा, जैसा कि माना जा रहा है, गठबंधन का नेता समर्थन पत्र लेकर राजभवन जाएगा और दावा पेश करेगा तथा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से शपथ ग्रहण समारोह की तारीख तय करने का अनुरोध करेगा। मैं चाहूंगा कि यह जल्द से जल्द हो क्योंकि हम 2018 से निर्वाचित सरकार के बिना हैं।

अब काम पर वापस लौटने का समय आ गया है। नेकां उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया है और हमें उम्मीद है कि यह जल्द ही पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा, उन्होंने यह नहीं कहा था कि राज्य का दर्जा केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में ही बहाल किया जाएगा।

यह उनका जम्मू-कश्मीर के लोगों से वादा किया गया था। उन्होंने कहा, हम लोगों को गुमराह नहीं करेंगे। मैंने अक्सर कहा है कि जिन्होंने अनुच्छेद 370 को हमसे छीन लिया, वे स्वेच्छा से इसे बहाल नहीं करने जा रहे हैं लेकिन हम इस मुद्दे को जीवित रखेंगे और इस पर बात करना जारी रखेंगे।

शायद किसी दिन केंद्र में राजनीतिक नेतृत्व बदल जाएगा और हमें जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ सार्थक बातचीत करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा, हमारी जÞम्मिेदारी अब शुरू होती है। मतदाताओं ने अपना कर्तव्य निभाया है और अब हमारी बारी है कि हम काम करें और खुद को उनके भरोसे के लायक साबित करें।

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