आप दिल्ली का बंगला खाली नहीं करें
राष्ट्रीय खबर
कोलकाताः आगामी 21 जून को मौलाली यूथ सेंटर में बैठक बुलाई गई है। यह मुलाकात बंगाल में लोकसभा चुनाव के संदर्भ में होगी। कांग्रेस प्रत्याशी और अधीर चौधरी मौजूद रहेंगे। रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व के पास जाएगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की अब कोई संभावना नहीं है। एआईसीसी नई दिल्ली की राजनीति में अधीर का इस्तेमाल करना चाहती है
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के नतीजों से पता चला कि एक समय के रॉबिनहुड अधीर रंजन चौधरी बहरामपुर लोकसभा क्षेत्र में हार गए थे। बंगाल में लेफ्ट के साथ कांग्रेस के गठबंधन का कुल मिलाकर बुरा प्रदर्शन रहा है। बहरामपुर के पूर्व सांसद को समझ नहीं आ रहा था कि इस हार के बाद क्या करें।
कांग्रेस के अखिल भारतीय नेतृत्व का भी अब अधीर चौधरी पर भरोसा नहीं उठ रहा है। नई दिल्ली में अपना बंगला छोड़ने की तैयारी कर रहे उन्हें कांग्रेस हाईकमान ने मना कर दिया। पांच बार के विजेता सांसद के हारने के बाद 8 जून को नई दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई थी। क्योंकि वह कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य हैं। सूत्रों के मुताबिक नई दिल्ली में हुई उस बैठक में अधीर प्रदेश ने अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कही। लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अधीर को ऐसा नहीं करने को कहा। उन्हें बताया गया कि इस्तीफे के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उन राज्यों में हार के कारणों की पहचान करने के लिए एक अलग समिति बनाने जा रहे हैं जहां कांग्रेस पहले ही हार चुकी है। इसलिए अधीर को अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से रोक दिया गया है। यहां तक कह दिया गया है कि नई दिल्ली वाला बंगला भी न छोड़ें।
स्पष्ट है कि इनमें एआईसीसी अधीर को नई दिल्ली की राजनीति में इस्तेमाल करना चाहती है। 9 जून को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद पार्टी ने अधीर से कहा था, आप दिल्ली का बंगला नहीं छोड़ेंगे। केंद्रीय नेतृत्व के इस बंगले को न छोड़ने के आदेश को लेकर नई अफवाहें शुरू हो गई हैं।
वैसे इतना कुछ होने के बाद भी पश्चिम बंगाल में चुनावी पराजय की जिम्मेदारी उन्होंने स्वीकारी है। इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को अपना त्यागपत्र भेज दिया है।