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चुनाव के पहले फिर मनरेगा का आसरा

कभी नरेंद्र मोदी ने उड़ाया था इस योजना का मजाक

  • आचार संहिता लागू होने के बीच एलान

  • राहुल गांधी ने बेहतर वेतन देने को कहा

  • एक अप्रैल से लागू होगी नई वेतन दर

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले 100 दिन का काम, वेतन वृद्धि की अधिसूचना केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले 100 दिन का काम (मनरेगा) योजना के तहत श्रमिकों के लिए वेतन वृद्धि की घोषणा की है। वित्त वर्ष 2024-25 में वेतन में 3 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी।

पश्चिम बंगाल में 100 दिन काम योजना के तहत श्रमिकों की मजदूरी में 5।5 प्रतिशत की वृद्धि। बढ़ा हुआ वेतन 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा। अधिसूचना गुरुवार को जारी की गयी। वित्त वर्ष 2024-25 में 100 दिन की कार्य योजना के तहत श्रमिकों की मजदूरी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सबसे कम तीन प्रतिशत बढ़ी। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी गोवा में की गई है। 100 दिन की कार्य योजना के तहत श्रमिकों के वेतन में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

देश में लोकसभा चुनाव के कारण चुनाव आचार संहिता लागू है। इनमें सवाल यह उठता है कि आखिर इस वेतन वृद्धि की घोषणा कैसे की गयी। केंद्र सरकार के एक सूत्र के मुताबिक, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी करने से पहले चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी। वेतन का पुनरीक्षण हर वर्ष किया जाता है। इसलिए आयोग ने मंजूरी दे दी।

इन वेतनों को संशोधित करते हुए 24 मार्च, 2023 को एक अधिसूचना जारी की गई थी। पिछले साल 100 दिन की कार्य योजना में श्रमिकों की मजदूरी में 2 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। उस समय कर्नाटक, गोवा, मेघालय, मणिपुर में सबसे कम वेतन वृद्धि देखी गई थी। उस वित्तीय वर्ष में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी राजस्थान में हुई थी। इसे  231 रुपये से बढ़ाकर  255 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है।

इस साल की शुरुआत में ग्रामीण विकास और पंचायती राज पर स्थायी समिति ने संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में 100 दिन की कार्य योजना में वेतन असमानता है। इस परियोजना के श्रमिकों को जो वेतन मिलता है वह जीवनयापन के लिए पर्याप्त नहीं है। स्थायी समिति ने केंद्र सरकार की एक समिति की रिपोर्ट का मुद्दा भी उठाया। उस समिति की सिफ़ारिश थी कि 100 दिन के कार्य प्रोजेक्ट के लिए मज़दूरी 375 रुपये प्रतिदिन होनी चाहिए।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में पश्चिम बंगाल में 100 दिनों की परियोजना मजदूरी में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। पहले यह 237 टका प्रतिदिन था। अब यह बढ़कर 250 रुपये हो गया है। पहले गोवा में इस योजना में दैनिक मजदूरी 322 रुपये थी। 10.6 प्रतिशत की वृद्धि के बाद, यह 356 रुपया हो गया। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पहले दैनिक मज़दूरी 230 रुपये थी। अब यह बढ़कर 237 रुपये हो गया है। पूरे देश में, इन दोनों राज्यों में 100-दिवसीय कार्य योजना में सबसे कम मजदूरी है।

कांग्रेस इस बात पर हमलावर है कि पिछली यूपीए सरकार के दौरान शुरू की गई इस योजना को मोदी सरकार ने कैसे अप्रासंगिक बना दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर कहा, इस प्रोजेक्ट में औसत बढ़ोतरी सिर्फ सात रुपये है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए इस प्रोजेक्ट के कर्मचारियों से कहा, मोदी सरकार ने आपकी सैलरी में सिर्फ सात रुपये की बढ़ोतरी की है। फिर भी आपको थैंक्यू मोदीजी का नारा तो देखना ही पड़ेगा। साथ ही राहुल ने कहा, जिस दिन से भारत गठबंधन सरकार सत्ता में आएगी, उस दिन से इस परियोजना में मजदूरी दर कम से कम चार सौ रुपये होगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इसकी घोषणा कर चुनाव नियमों का उल्लंघन किया गया है।

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