बीजिंगः चीन यूक्रेन को प्रतिबंधित क्लस्टर बमों की आपूर्ति करने के अमेरिकी फैसले का कड़ा विरोध करता है। बीजिंग ने कहा कि इससे यूक्रेन युद्ध में मानवीय समस्याएं पैदा होंगी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को बीजिंग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार के इस फैसले से पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता पैदा हो गई है। कई देशों ने संयुक्त राज्य अमेरिका से ऐसा करने से परहेज करने का आह्वान किया है। माओ ने कहा कि चीनी सरकार का मानना है कि यूक्रेन में तनाव और संकट को बढ़ने से रोकने के लिए संबंधित पक्षों को आग में घी डालने से बचना चाहिए।
इससे पहले, वाशिंगटन ने पिछले शुक्रवार को घोषणा की थी कि रूस के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में मदद के लिए यूक्रेन को क्लस्टर बमों की आपूर्ति की जाएगी। मानव सभ्यता के लिए जोखिम और इसके नुकसान के भयानक अस्वीकार्य स्तर को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय संधियों द्वारा क्लस्टर बमों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
2010 में, एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ने क्लस्टर बमों के उत्पादन, परिवहन, भंडारण और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया। संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और यूक्रेन को छोड़कर दुनिया के 100 से अधिक देशों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसलिए अमेरिका का यह फैसला उसके मित्र देशों को भी नागवार गुजरा है।
क्लस्टर बम के खतरों से वाकिफ देश यह सवाल कर रहे हैं कि आखिर अमेरिका वहां पर युद्ध को और भड़काने वाली कार्रवाई कर क्या हासिल करना चाहता है। इससे स्पष्ट है कि इस क्लस्टर बम का इस्तेमाल होते ही रूस की तरफ से भी और घातक हथियारों का प्रयोग होगा, जिसकी चपेट में दूसरे देश भी आ सकते हैं। क्लस्टर बम देने के ठीक उलट अमेरिका अभी यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनने से भी रोक रहा है।