मणिपुर के अन्य पार्टी के विधायकों ने कहा गठबंधन तोड़ देंगे
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सेना ने हथियारबंदों को पकड़ने के लिए अभियान तेज किया
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गुप्त सूचना पर भारी मात्रा में विस्फोटक हथियार बरामद
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सेना प्रमुख मनोज पांडे ने मणिपुर का दौरा किया
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी: मणिपुर हिंसा के बाद भाजपा के 10 विधायकों ने गृह मंत्री अमित शाह के सामने इस्तीफे देने की धमकी दी है।भाजपा विधायकों ने कहा है कि राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही है, इसलिए अगर मणिपुर की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो भाजपा विधायक इस्तीफा देने के लिए मजबूर होंगे।
यह धमकी कल रात गुवाहाटी में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद दी गयी। इसके अलावा मणिपुर की भाजपा नीत गठबंधन सरकार में अन्य पार्टी के विधायकों ने भी यही धमकी दी है। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के दो-दो विधायकों ने गठबंधन तोड़ने की धमकी दी है।गुवाहाटी के कोइनाधारा गेस्ट हाउस नंबर 1 में हुई यह बैठक करीब 40 मिनट तक चली। गृह मंत्री ने मणिपुर के विधायकों की चिंताओं को धैर्यपूर्वक सुना।
बैठक के दौरान, विधायकों ने शाह से हाल की हिंसा में शामिल होने के संदेह में उग्रवादी समूहों के खिलाफ ऑपरेशन निलंबन (एसओओ) के तहत कार्रवाई करने, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने और राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) कराने का आग्रह किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि सीमा पार से तस्करी कर लाए गए अवैध हथियारों का इस्तेमाल हिंसक गतिविधियों में शामिल उपद्रवियों द्वारा किया जाता रहा है। इस बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सेना को आतंकी हमलों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
गृह मंत्री के निर्देश के बाद सेना एक्शन में नजर आ रही है। हिंसा में हालिया वृद्धि के बाद, सेना और असम राइफल्स ने इंफाल घाटी के आसपास के संवेदनशील इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है।
सेना और असम राइफल्स ने मणिपुर में 27 मई को तड़के कांगचुक, मोतबुंग, सैकुल, पुखाओ और सागोलमांग के इलाकों में कई तलाशी अभियान शुरू किए हैं ताकि इन क्षेत्रों में सक्रिय किसी भी सशस्त्र उग्रवादियों का पता लगाया जा सके।
जानकारी के अनुसार सेना ने अंधेरा छाने के साथ ही मणिपुर की राजधानी इंफाल से करीब 40 किलोमीटर दूर घने जंगल से घिरे न्यू किठेलमंब गांव को धीरे-धीरे घेरा बंदी शुरू की और लोगों को घर पर छापे मारकर हथियार बरामद किये। सेना और असम राइफल्स के जवान इंफाल घाटी के किनारे कांगपोकपी जिले में स्थित गांव में घुसे और हथियारों की तलाश की ।
इस संबंध में सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिन में हमने देखा कि समुदाय आग्नेयास्त्रों से एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं। कुछ मामलों में लोगों की हत्या की जा रही है ।
अचानक से हथियारों के आने से पूरी शांति प्रक्रिया में देरी हो रही है. इस दौरान वहांसे भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ एक एअर गन और कारतूस के खाली पैकेट मिले । मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण कई हिस्सों में सशस्त्र समूह कानून अपने हाथ में ले रहे हैं ,जिससे शांति प्रक्रिया जटिल हो गयी है।
उग्रवादी समूह भी इसमं शामिल हो गए हैं जिससे जातीय तनाव और भी बढ़ गया है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि वे अब राज्य में शांति बहाली के लिए खतरा पहुंचा रहे तत्वों को रोकने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में हिंसा भड़कने के बाद मणिपुर भेजे गए अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना और असम राइफल्स ने विभिन्न समुदायों के गांवों में अचानक तलाश अभियान चलानेका फैसला किया है।
हम किसी एक समुदाय को निशाना नहीं बना रहे हैं। सेना ने आतंकी गुटों के सशस्त्र कर्मियों के लिए अभियान तेज किया। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने 27 और 28 मई 2023 को दो दिवसीय कार्यक्रम मणिपुर का दौरा किया है।
सेना प्रमुख ने विभिन्न स्थानों का दौरा किया है, जहां उन्होंने स्थानीय फॉर्मेशन कमांडरों के साथ बातचीत की है और जमीन पर प्राप्त स्थिति का प्रत्यक्ष विवरण प्राप्त किया है। वह सैनिकों के साथ बातचीत भी करेंगे।