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कई दशकों तक विकास की योजना होगी
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पुराने शहर अब आबादी के बोझ से दबे हैं
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प्रस्तावित शहरों को अत्याधुनिक बनाया जाएगा
राष्ट्रीय खबर
इंदौरः सरकार के हवालों से यह बताया गया है कि देश में आठ नये शहर विकसित करने पर विचार किया जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि देश में मौजूदा शहरी केंद्रों पर आबादी का बोझ कम करने के लिए आठ नए शहरों को विकसित करने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के विभाग की जी 20 इकाई के निदेशक एमबी सिंह ने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि नए शहरों का विकास किया जाना चाहिए। श्री सिंह इंदौर में अर्बन 20 (यू20) की बैठक के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, वित्त आयोग की सिफारिश के बाद, राज्यों ने 26 नए शहरों के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे और जांच के बाद आठ नए शहरों के विकास पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही नए शहरों के लिए स्थानों और उनके विकास की समयसीमा की घोषणा करेगी।
हमें देश में नए शहरों का निर्माण करना है क्योंकि मौजूदा शहर नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। मौजूदा शहरों के बाहरी इलाकों में बेतरतीब विस्तार इन शहरों की बुनियादी योजना को प्रभावित कर रहा है। नए शहरों की स्थापना के लिए रोडमैप को अंतिम रूप नहीं दिया गया है, केंद्र सरकार परियोजना में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी, उन्होंने कहा।
पूर्व के अनुभवों के आधार पर विकसित होने वाले शहरों को अगले कई दशक तक के विकास की संभावनाओं से जोड़कर तैयार किया जाएगा। दरअसल पूर्व के विकसित शहर अब आबादी का भार उठाने के लायक नहीं रह गये हैं। बेतरतीब तरीके से हुए शहरीकरण की वजह से इन शहरों की स्थिति को पूरी तरह सुधारना भी संभव नहीं है। इसी वजह से नये शहर बसाने की इस परिकल्पना पर काम चल रहा है।