हेरहंजः प्रखण्ड मुख्यालय स्थित झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय में वॉर्डन एलिजाबेथ कुमुद टोप्पो के द्वारा छात्राओं को 200-200 बार उठक बैठक करवाने के कारण छात्राओं का स्वास्थ्य बिगड़ गया था। जिसमें गुरुवार रात्रि से हीं इलाज चल रहा है।
इसी मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम शनिवार सुबह लगभग 9 बजे झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय पहुँची। इस टीम में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सुरेश राम, डॉ ध्रुव सत्य महतो,निरंजन कुमार टैक्नीशियन, संजय कुमार सहित कई स्वास्थ्य कर्मी शामिल थे। मेडिकल टीम ने बारी बारी से बीमार सभी छात्राओं का स्वास्थ्य जांच किया एवं दवाइयां भी दी।
इस दौरान बी डी ओ प्रदीप कुमार दास भी कस्तूरबा विद्यालय पहुँचे। श्री दास ने कहा कि आज से विद्यालय गर्मी छुट्टी हो रही है सभी बच्चियां अपने अपने घर जा रही हैं इसलिए स्वास्थ्य विभाग टीम सभी बच्चियों का अच्छी तरह जाँच कर दवा उपलब्ध करा दें।स्वास्थ्य विभाग के टीम ने बच्चियों से घटना की जानकारी ली व बच्चियों को होने वाले दिक्कतों की भी जानकारी ली।
जिसमे अभी भी कई छात्राओं के पैर में सूजन आ गया है। गौरतलब हो कि यह मामला गुरुवार शाम का है।उसके बाद छात्राओं की स्थिति बिगड़ी। जिसके बाद से छात्राओं का इलाज कभी बालूमाथ तो कभी हेरहंज अस्पताल में किया जा रहा है। दो छात्रा उषा कुमारी एवं प्रीति कुमारी की हालत ज्यादा गम्भीर थी जिसका इलाज शुक्रवार की रात्री में भी हेरहंज अस्पताल में कराया गया दोनों छात्रा को स्लाइन भी चढाया गया।
इस द्वौरान बी डी ओ श्री दास दास भी शाम 7 बजे से लेकर 9 बजे तक अस्पताल में उपस्थित रहकर स्थिति का जायजा लेते रहें। रात्रि 10 बजे भी 5 छात्राओं को अस्पताल लाया गया जिसका इलाज रात में चलता रहा।स्थिति में काफी सुधार होने के बाद सुबह 5 बजे पुनःविद्यालय लाया गया।
प्रखंड मुख्यालय स्थित झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय की वार्डेन एलिजाबेथ कुमुद टोप्पो के द्वारा छात्राओं को उठक बैठक की तुगलकी फरमान से छात्राओं की हालत बिगड़ गई थी।
जिसके बाद राष्ट्रीय खबर में प्रमुखता से खबर प्रकाशित करने के बाद शनिवार को जिले के जिला शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कविता खलखो,एपीओ रोज मिंज व प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी प्रेमलता ने झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय पहुंच कर मामले की जांच की।जांच के क्रम में मामले में सत्यता पाई गई।
जिला के जिला शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कविता खलखो ने कहा कि वार्डेन के द्वारा छात्राओं को जिस तरह की कठोर शारीरिक दंड दिया गया है वह अमानवीय है।इस मामले में दोषी वार्डेन के खिलाफ अवश्य कारवाई होगी।इसके लिए सभी छात्राओं व अविभावकों के साथ बैठक की गई।
बैठक में सभी छात्राओं व अविभावकों के साथ चर्चा की गई।जिसमें छात्राओं ने कहा कि वार्डेन के द्वारा हम लोगों को हमेशा प्रताड़ित किया जाता है।खाने में भी सही भोजन नहीं दिया जाता है।इसके साथ नहाने के लिए साबुन,पढ़ाई के लिए बुक कॉपी,कलम की भी कमी होते रहती है यहां तक कि इस कमी को विधायक वैद्यनाथ राम से भी कहे थे परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
हमलोगो को इस भीषण गर्मी में भी आवास में न तो फंखा व्यवस्था है और न हीं कूलर की व्यवस्था है।अविभावकों ने कहा आज तक हमलोग अपनी बच्चियों को एक थपड भी नहीं मारे हैं और जिस भरोसे में इन वार्डेन के ऊपर लगभग 200 बच्चियां का भविष्य बनाने के लिए जिम्मेवारी दिया गया है वही वार्डेन के द्वारा बच्चियों को कठोर शारीरिक सजा दी जाने के बाद सभी बच्चियों की हालत गंभीर है।अभिभावकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से वार्डेन को बर्खास्त करने की मांग की।