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जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का इलाज भारत के पास: मोदी

  • सभी की खुशी और स्वास्थ्य हमारे विरासत में

  • वीडियो कांफ्रेसिंग में बाजरा की भी बात कही

  • सत्तर देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं इसमें

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधा- सुरक्षा का आह्वान करते हुए बुधवार को कहा कि भारत की पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियां तनाव और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के समाधान प्रस्तुत करती हैं। श्री मोदी ने यहां वन अर्थ वन हेल्थ – एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया 2023 के छठे संस्करण का उद्घाटन करते हुए कहा कि जब कोई वैश्विक महामारी नहीं थी, तब भी स्वास्थ्य के लिए भारत की दृष्टि सार्वभौमिक थी।

भारत का लक्ष्य शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण है।  सच्ची प्रगति जन-केंद्रित है और चिकित्सा विज्ञान में चाहे कितनी भी प्रगति हो जाए, अंतिम व्यक्ति तक पहुंच निश्चित होनी चाहिए।भारत का लक्ष्य न केवल अपने नागरिकों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए स्वास्थ्य सेवा को सुलभ और सस्ता बनाना है। उन्होंने कहा कि योग और ध्यान आधुनिक दुनिया के लिए प्राचीन भारत के उपहार हैं, जो अब वैश्विक आंदोलन बन गए हैं।

श्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वन अर्थ वन हेल्थ- एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया – 2023 का उद्घाटन और संबोधन किया। उन्होंने संस्कृत के एक प्राचीन श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि  हर कोई खुश रहे, हर कोई रोग मुक्त हो, सभी के लिए अच्छी चीजें हों, और कोई भी दुख से ग्रस्त न हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के लिए भारत का दृष्टिकोण तब भी सार्वभौमिक था, जब हजारों साल पहले कोई वैश्विक महामारी नहीं थी।

हमारी दृष्टि केवल मनुष्यों तक ही सीमित नहीं है। यह हमारे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र तक फैली हुआ है। पौधों से लेकर जानवरों तक, मिट्टी से लेकर नदियों तक, जब हमारे आस-पास सब कुछ स्वस्थ है, तो हम स्वस्थ रह सकते हैं।  उन्होंने जोर दिया कि स्वास्थ्य के बारे में भारत का दृष्टिकोण केवल बीमारी की कमी पर नहीं रुकता है । यह लक्ष्य सभी के लिए कल्याण पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा यात्रा और स्वास्थ्य कार्यबल की गतिशीलता एक  महत्वपूर्ण कारक हैं और वन अर्थ, वन हेल्थ – एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया 2023 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

उन्होंने बाजरा का भी उल्लेख किया जो भारत के पारंपरिक आहार का हिस्सा है और दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा और पोषण के मुद्दों से निपटने की क्षमता रखता है।  प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के लिए वैश्विक प्रतिक्रिया को अलग नहीं किया जा सकता है और अब यह एक एकीकृत, समावेशी और संस्थागत प्रतिक्रिया का समय है। यह जी- 20 अध्यक्षता के दौरान हमारे फोकस वाले क्षेत्रों में से एक है। हमारा लक्ष्य न केवल अपने नागरिकों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए स्वास्थ्य सेवा को सुलभ और किफायती बनाना है।  सम्मेलन  में 70 देशों के 125 प्रदर्शकों और लगभग 500 मेजबान विदेशी प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

नागेश्वर-सुंदरेश्वर की धरती का संगम है सौराष्ट्र तमिल संगमम

सोमनाथ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि सौराष्ट्र तमिल संगमम नागेश्वर और सुंदरेश्वर की धरती का संगम है। श्री मोदी ने वर्चुअल माध्यम से गुजरात के सोमनाथ में बुधवार को आयोजित सौराष्ट्र तमिल संगमम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सौराष्ट्र तमिल संगमम का ये आयोजन केवल गुजरात और तमिलनाडु का संगम नहीं है।

ये देवी मीनाक्षी और देवी पार्वती के रूप में एक शक्ति की उपासना का उत्सव भी है। ये भगवान सोमनाथ और भगवान रामनाथ के रूप में एक शिव की भावना का उत्सव भी है। ये संगमम नागेश्वर और सुंदरेश्वर की धरती का संगम है।

ये श्रीकृष्ण और श्री रंगनाथ की धरती का संगम है। ये संगम है नर्मदा और वैगई का। ये संगम है डांडिया और कोलाट्टम का ये संगम है द्वारिका और मदुरई जैसी पवित्र पुरियों की परम्पराओं का और ये सौराष्ट्र-तमिल संगमम संगम है सरदार पटेल और सुब्रमण्यम भारती के राष्ट्र-प्रथम से ओतप्रोत संकल्प का। हमें इन संकल्पों को लेकर आगे बढ़ना है।

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