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प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ राज्य भर के कांग्रेसियों का धरना

  • तीन युवा नेताओं ने थामी है कमान

  • दूसरे जिला से भी आये कांग्रेसी कार्यकर्ता

  • अध्यक्ष की तो अपनी कोई पकड़ ही नहीं है

रांचीः झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष के संगठन विरोधी कार्य और तानाशाही रवैया को लेकर, बोर्ड निगम के गठन में बिना रायशुमारी के थैलाशाह एवं पॉकेट से निकालकर दूसरे दलों से आये हुए चाटुकार लोगों को अवसर देने की बात अगर सही साबित हुई पार्टी में बगावत होगी और 2 प्रदेश अध्यक्ष जिम्मेवार होंगे। प्रदेश अध्यक्ष को  पदमुक्त किये जाने की मांग को लेकर लगभग एक हजार से अधिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने बापू वाटिका मोरहाबादी में धरना दिया एवं सत्याग्रह पर बैठे एवं नगाड़ा बजाकर शंखनाद किया। प्रदेश कांग्रेस कमिटी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता छोटू,रमेश उरांव,गोड्डा जिला कांग्रेस महासचिव मनोज झा सहित संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने संध्या 4.00 बजे से 7.00 बजे तक महाधरना में बैठे और एक स्वर से प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की मांग आलाकमान से की एवं सभा आयोजित किया।

सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमिटी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे ने कहा प्रभारी अविनाश पाण्डेय अच्छे आदमी हैं और कांग्रेस की पृष्ठभूमि से निकलकर राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव बने हैं। परन्तु ऐसी कौन सी मजबूरी है जो निकम्मे एवं अनुपयोगी अध्यक्ष को ढो रहे हैं। जिस व्यक्ति का न कोई अपनी पकड़ है,नां कोई राजनैतिक हैसियत है और ना पहचान है। चाटुकारिता और गणेश परिक्रमा कर एक व्यक्ति ने आलाकमान को झांसा देकर अध्यक्ष बना दिया लेकिन कोई भी मानने को तैयार नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस नेता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा जिला अध्यक्षों की चयन प्रक्रिया में कारपोरेट ऑफिस की तर्ज पर साक्षात्कार हुए और जब परिणाम सामने आए तो जिला अध्यक्षों में एक भी अनुसूचित जाति, एक भी अल्पसंख्यक, एक भी महिलाओं को स्थान नहीं दिया गया जिसका हश्र ये हुआ कि पूरे प्रदेश में अफरा तफरी मच गया। एक तरफ राहुल गांधी जनसंख्या के आधार पर अधिकार देने की बात कर रहे हैं और सोनिया गांधी ने अपने दो दशक के कार्यकाल में महिलाओं को स्थान दिए बगैर किसी भी कमेटी को स्वीकृति नहीं देती रही  है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस ने कोर वोटर का अपमान किया है।

कांग्रेस नेता डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा दिल्ली के द्वारा जो भी कार्यक्रम प्रदेश कांग्रेस को दिए जाते हैं उसका अनुपालन पार्टी द्वारा नहीं किया जा रहा है। अभी हाल ही में जय भारत सत्याग्रह का आयोजन माला और भाषण तक ही सीमित रहा। प्रदेश अध्यक्ष बार-बार मंत्रिपरिषद में फेरबदल की बात करके सरकार और पार्टी दोनों को जनता की नजरों में कमजोर कर रहे हैं। राज्यसभा हो या लोकसभा या फिर विधानसभा का चुनाव प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी का प्रत्याशी बनने की जुगत में ही लगे रहते हैं।

ऐसे में पूरी पार्टी का क्या होगा यह सवाल आज पार्टी के सामने है।  प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता रमेश उरांव ने कहा पूरे देश में झारखंड ही एक ऐसा प्रदेश है जहां आदिवासी प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनता रहा है, लेकिन कुछ दिनों से कर्नाटक,बिहार, उड़ीसा,बंगाल के लोग प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बन रहे हैं। प्रभारी अविनाश पांडे को यह बात समझ में आनी चाहिए कि 28 में से 26 सीट आदिवासियों ने गठबंधन को  दिया है और उनकी जगह पर बाहर के लोगों को प्रदेश अध्यक्ष बनाना आत्मघाती कदम है,अभी भी वक्त है वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष को अविलम्ब पदमुक्त किया जाए।

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