दिल्ली/NCRबयानमुख्य समाचारराजनीति

नौ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद बाहर निकले अरविंद केजरीवाल

साफ कहा कि पूरा केस ही फर्जी है कोई साक्ष्य नहीं

  • केंद्र से दो दो हाथ करने की तैयारी

  • चुनावी लाभ के समीकरण पर ध्यान

  • 56 प्रश्न पूछे जाने की जानकारी दी

राष्ट्रीय खबर

नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ संकेत दे दिया है कि वह मोदी सरकार के साथ दो दो हाथ करने पर तैयार बैठे हैं। जानकार मानते हैं कि इस  चाल से अरविंद केजरीवाल की पार्टी को चुनावी फायदा भी हो सकता है। इसी वजह से वह इस मामले का राजनीतिक लाभ उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ने जा रहे हैं।

शराब नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से करीब नौ घंटे तक पूछताछ की। उनसे इस मामले में एक गवाह के रूप में पूछताछ की गई थी, जिसमें जांचकर्ताओं ने कहा था कि शराब लॉबी को लाभ पहुंचाने के लिए नीति तैयार करने में भ्रष्टाचार शामिल है।

उन्हें अब तक केंद्रीय एजेंसी द्वारा आगे की पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है। केजरीवाल ने सीबीआई दफ्तर से घर पहुंचने के बाद संवाददाताओं से कहा, सीबीआई ने मुझसे कुल 56 सवाल पूछे। सब कुछ फर्जी है। मामला फर्जी है। मुझे विश्वास है कि उनके पास हम पर कुछ भी नहीं है, सबूत का एक भी टुकड़ा नहीं है।

श्री केजरीवाल के पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया, जिनके पास आबकारी विभाग था, को पिछले महीने इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था। केजरीवाल ने कहा, सीबीआई ने मुझसे 2020 से लेकर, जिस साल शराब नीति लागू हुई, उसके अंत तक सबकुछ पूछा।उन्होंने कहा यह शराब नीति का मामला झूठ है, मनगढ़ंत है।

ईमानदारी हमारी विचारधारा है। हम मरने को तैयार हैं लेकिन ईमानदारी से समझौता नहीं करेंगे। वे हमें और हमारे अच्छे, विकास कार्यों को बदनाम करने के लिए यह सब कर रहे हैं। हम एक राष्ट्रीय पार्टी बन गए हैं।” अब, यही कारण है कि वे हमें खत्म करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। इससे पहले राघव चड्ढा और संजय सिंह सहित आप नेताओं को सीबीआई कार्यालय के पास विरोध करने पर दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया।

जैसे ही केजरीवाल ने सीबीआई कार्यालय से बाहर कदम रखा, उन्हें मुक्त कर दिया गया। चड्ढा ने कहा, भाजपा अब केजरीवाल फोबिया से ग्रस्त है। केजरीवाल के डर से ही भाजपा  इस तरह की हरकत पर उतर आई है। यह कायराना हरकत है। हमें जेल से डर नहीं लगता। सीबीआई ने कहा है कि श्री सिसोदिया के तत्कालीन सचिव ने जांचकर्ताओं को बताया कि शराब नीति का मसौदा उन्हें मार्च 2021 में श्री केजरीवाल के घर पर अब गिरफ्तार नेता द्वारा दिया गया था।

अफसर सी अरविंद ने एक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया है, जिससे यह अदालत में स्वीकार्य साक्ष्य बन गया है। सीबीआई बैठक पर श्री केजरीवाल का बयान चाहती थी, क्योंकि यह कथित तौर पर उनके घर पर हुआ था। तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा जांच के आदेश के बाद दिल्ली सरकार द्वारा आबकारी नीति को मंजूरी दी गई थी।

दो बार टाले जाने के बाद मंजूरी मिली। सीबीआई इसका कारण जानना चाहती है। दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को पेश किए जाने के एक साल से भी कम समय में जुलाई 2022 में रद्द कर दिया और पुरानी नीति पर वापस आ गई। दूसरी तरफ केजरीवाल की पार्टी बार बार यह भी दोहरा रही है कि उसी नीति के आधार पर पंजाब के राजस्व में जबर्दस्त बढ़ोत्तरी हुई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button