अपराधबिहारहादसा

मोतिहारी में अवैध शराब से बीस की मौत, 6 अस्पताल में भर्ती

शराबबंदी का सरकार का दावा फिर गलत साबित

  • भाजपा बार बार मुख्यमंत्री के घेरती रही है

  • किसी टंकी में भरकर लायी गयी थी यह शराब

  • महिलाओं का नीतीश को समर्थन की वजह यही

राष्ट्रीय खबर

पटना: बिहार में शुक्रवार रात अवैध शराब पीने से 20 लोगों की मौत हो गयी है, जबकि आधा दर्जन लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। त्रासदी, 2016 के बाद से ऐसी मौतों की श्रृंखला में नवीनतम, जब बिहार सरकार ने राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया था। राज्य की राजधानी पटना से लगभग 150 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में मोतिहारी के लक्ष्मीपुर, पहाड़पुर और हरसिद्धि ब्लॉक से इस अवैध शराब से मौत की रिपोर्ट आयी है। सूत्रों ने कहा कि नकली शराब से लदी एक टंकी को मोतिहारी लाया गया और स्थानीय व्यापारियों में बांट दिया गया, जिससे यह हादसा हुआ। मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है। पुलिस और प्रशासन ने अभी तक टिप्पणी करने से इनकार किया है। नकली शराब से बार-बार होने वाली मौतों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के निशाने पर रहे हैं।

राज्य के सारण जिले में जहरीली शराब से 40 लोगों की मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के बाद हाल ही में विपक्षी दल श्री कुमार से भिड़ गया था। रिपोर्ट में मौतों के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया गया है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले केंद्र द्वारा राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए अधिकार आयोग का दौरा दुष्प्रचार था।

सारण में हुई मौतों के बाद बिहार विधानसभा में राजनीतिक गतिरोध के बीच, एक नाराज नीतीश कुमार ने अपना आपा खो दिया था और राज्य में शराबबंदी को लेकर सरकार पर निशाना साधने वाले विपक्षी विधायकों पर भड़क गए थे। नीतीश कुमार ने कहा था, कोई शराब पीएगा तो मरेगा-उदाहरण हमारे सामने है।

इस पर शोक करना चाहिए, उन जगहों पर जाना चाहिए और लोगों को समझाना चाहिए।’ नकली शराब – अन्य राज्यों में भी। लोगों को सतर्क रहना चाहिए। चूंकि यहां शराबबंदी है तो कुछ न कुछ नकली बिकेगा, जिससे लोगों की मौत हो जाती है। शराब खराब है और इसका सेवन नहीं करना चाहिए, उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा। इसकी आलोचना होने के बाद भी राजनीति के जानकार मानते हैं कि ग्रामीण स्तर पर खास तौर से महिलाओं को नीतीश कुमार का समर्थन इसी एक फैसले की वजह से मिलता आ रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button