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बेंगलुरुः कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में दूध और दही भी महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। स्थानीय हितों को लेकर उठे तूफान के बीच स्थानीय किसानों के समर्थन में होटल एसोसियेशन खड़ा हो गया है। इस संघ ने राजधानी के होटलों से स्थानीय ब्रांड नंदिनी के उत्पादों का उपयोग करने का आग्रह किया है। वे अमूल के उत्पादों का वहिष्कार करने का एलान कर चुके हैं।
इस एसोसियेशन के अध्यक्ष पी सी राव ने सभी होटल मालिकों को निर्देश दिया है कि वे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के प्रसिद्ध डेयरी ब्रांड नंदिनी और राज्य के डेयरी किसानों को उनके उत्पादों का उपयोग करके समर्थन दें। राव ने कहा, हम पूरी तरह से अमूल के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन केवल कर्नाटक के बाजार में दूध और दही उत्पादों को बेचने के उनके कदम का विरोध कर रहे हैं, जो हमारे स्थानीय नंदिनी ब्रांड को खतरे में डाल सकता है।
अमूल का पहले से ही भारत भर में एक बड़ा बाजार है। नंदिनी के दूध और दही उत्पादों का उपयोग करके डेयरी किसानों, विशेषकर महिलाओं के हितों की रक्षा करना एसोसिएशन की सामाजिक जिम्मेदारी है। नंदिनी के दही और दूध उत्पादों का उपयोग करने और अमूल के उत्पादों का बहिष्कार करने के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एसोसिएशन इस सप्ताह होटल मालिकों के साथ एक बैठक भी करेगा।
जद (एस) के एच डी कुमारस्वामी और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया जैसे विपक्षी नेताओं के साथ अमूल पर विवाद एक राजनीतिक नारेबाजी में बदल गया है, जो कर्नाटक सरकार पर राज्य के गौरव , नंदिनी ब्रांड को नष्ट करने के लिए हमला कर रहा है। हालाँकि, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने डेयरी बाजार में अमूल के प्रवेश का बचाव किया और नंदिनी के लिए किसी भी खतरे को कम किया।
अमूल की एंट्री पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। नंदिनी के उत्पाद दूसरे राज्यों में भी बिकते हैं। सरकार खुले बाजार में नंदिनी को अमूल के साथ प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कदम उठाएगी। हालांकि, हम अमूल के प्रवेश को नहीं रोकेंगे। नंदिनी के दूध की कीमत 39 रुपये है जबकि अमूल ताजा की कीमत 72 रुपये प्रति लीटर है।
कर्नाटक के दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रविवार को कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने निशाना साधा। हमारे युवाओं को एक वर्ष में 2 करोड़ नौकरियां देने के बजाय, नरेंद्र मोदी ने हमारे बैंकों, बंदरगाहों और हवाई अड्डों से कन्नड़ लोगों की नौकरियां छीन लीं। अब भाजपा अपने तरफ से गुजरात के अमूल को लेकर हमारे किसानों की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाना चाहती है।