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आसन के अनुरोध और निर्देशों का अब विपक्ष पर असर नहीं

  • काला कपड़ा पहन विरोध प्रदर्शन

  • हंगामे के बीच कुछ विधेयक पेश हुए

  • खडगे की बात को धनखड़ ने नकारा

नयी दिल्ली: लोक सभा में अडाणी मामले में संयुक्त संसदीय समिति के गठन की माँग को लेकर विपक्ष के भारी हंगामे के कारण बुधवार को सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। पीठासीन अधिकारी रमा देवी ने एक बार स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की विपक्ष के सदस्य हाथों तख्तियां लेकर आसन के समक्ष आकार नारेबाजी करने लगे।

विपक्षी सदस्यों ने जेपीसी की माँग को लेकर जमकर नारेबाजी की। पीठासीन अधिकारी ने हंगामे के बीच जरूरी कागजात पटल पर रखवाए गए। भारी हंगामे के बीच ही केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने तटीय जलकृषि प्राधिकार संशोधन विधेयक 2023 को पेश किया।

पीठासीन अधिकारी के बार बार आग्रह के बाद विपक्षी सदस्य अपने स्थान पर नहीं गए जिसके कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने सुबह 11 जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरु करते हुए प्रश्नकाल आरंभ किया, विपक्ष के सदस्य हंगामा करते हुए और नारे लगाते हुए आसन के सामने आ गये।

पीठासीन अधिकारी ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने, अपनी सीटों पर जाने का आग्रह करते हुए कहा कि जनता से जुड़े सवालों को सदन में उठाना ज़रूरी है इसलिए उन्होंने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों ने उनकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया।  श्री अग्रवाल ने हंगामे के बीच प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन अपना विरोध जताने के लिए काले कपड़े पहन कर आए विपक्ष के सदस्यों का हंगामा और बढ़ गया जिसके कारण पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।

राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध बुधवार को भी जारी रहा और सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरु करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे के एक व्यवस्था के प्रश्न पर अपनी व्यवस्था दी।

इस बीच दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए नारेबाजी करते रहे। श्री खडगे ने अडानी समूह की कंपनियों का मामला उठाया और जांच कराने की मांग की। सदन के नेता पीयूष गोयल ने विदेशों में भारतीय लोकतंत्र और संबंधित संस्थानों को अपमानित करने का मामला उठाया और कहा कि विपक्ष को इसके लिए क्षमायाचना करनी चाहिए।

इस पर सदन में हंगामा होने लगा और श्री धनखड़ ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। इससे पहले अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग पर अड़े विपक्ष ने सदन में शोर-शराबा किया जिसके कारण कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

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