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केजरीवाल ने सीधा कहा पैसा अडाणी का नहीं मोदी का

  • अधीन रंजन चौधरी को मिली है जिम्मेदारी

  • अविश्वास प्रस्ताव के सांसद हैं कांग्रेस के पास

  • संबित पात्रा ने दिल्ली सीएम को भ्रष्ट बताया

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः अडाणी प्रकरण में विपक्ष और भी एकजुट हो गया है। इस क्रम में अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ही विपक्ष के निशाने पर आ गये हैं। कांग्रेस सांसदों के एक वर्ग ने सोमवार को आयोजित एक बैठक में लगातार पक्षपात करने के लिए अध्यक्ष के खिलाफ एक प्रस्ताव लाने पर विचार किया।

दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सदन के भीतर यह कहा कि अडाणी प्रकरण में उन्हें किसी भाजपा नेता के हवाले से जो जानकारी दी गयी है, उसके मुताबिक यह सारा पैसा दरअसल अडाणी का नहीं बल्कि परोक्ष तौर पर नरेंद्र मोदी का ही है। इस आरोप का भाजपा ने कड़ी निंदा की है और केजरीवाल को एक हताश नेता बताया है, जो आबकारी मामले में खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

पता चला है कि लोकसभा के स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला सभी विपक्षी दलों से सलाह-मशविरा करने और उनकी सहमति होने पर ही लिया जाएगा। अधीर रंजन चौधरी जैसे वरिष्ठ नेता मामले पर अन्य दलों से बात करेंगे। वैसे श्री चौधरी ने अब तक किसी नेता से इस पर बात की है, इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी है।

स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष के खिलाफ उनके कथित पूर्वाग्रह के लिए लाया जाएगा, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में गुजरात की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित किया गया था। इस तरह के प्रस्ताव के लिए कम से कम 50 सांसदों के हस्ताक्षर और 14 दिन के नोटिस की आवश्यकता होती है।

वर्तमान में कांग्रेस के लोकसभा में 51 सांसद हैं। बजट सत्र 6 अप्रैल को समाप्त होने वाला है। कल सुबह 11 बजे कांग्रेस सांसद एस जोती मणि और राम्या हरिदास ने आदेश पत्रों को फाड़ दिया और उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी की ओर फेंक दिया, जिससे लोकसभा को सुबह 11 बजे एकत्र होने के कुछ सेकंड के भीतर स्थगित कर दिया गया।

एक अन्य कांग्रेसी सांसद टी.एन. प्रतापन ने एक काला दुपट्टा फेंका लेकिन उसे एक मार्शल ने रोक दिया। काले कपड़े पहने विपक्षी सांसद अडानी मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। इनमें से कुछ हाथों में तख्तियां लिए भी नजर आए। दोपहर 2 बजे जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो इसी तरह का नजारा देखने को मिला, जब विपक्ष अडानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग को लेकर सदन के बीच में आ गया।

हंगामे के बीच दिनभर के लिए सूचीबद्ध कागजात सदन के पटल पर रखे गए। बिहार की सांसद रमा देवी, जो चेयर पर थीं, ने सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया। बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत के बाद से लोकसभा लगभग किसी भी काम को करने में विफल रही है। विपक्ष और सत्ता पक्ष आपस में भिड़े हुए हैं। हालांकि, सरकार ने बिना किसी चर्चा के वित्त विधेयक और जम्मू-कश्मीर विनियोग विधेयक पारित कर दिया

दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी के एक अज्ञात नेता के साथ कथित बातचीत का हवाला देते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि उद्योगपति गौतम अडानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए महज एक मुखौटा है। आम आदमी पार्टी प्रमुख ने दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।

केजरीवाल के नेतृत्व वाला संगठन, अन्य विपक्षी दलों के साथ, भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर संकटग्रस्त अडानी समूह के प्रति पक्षपात दिखाने का आरोप लगाता रहा है। आम आदमी पार्टी ने एक संयुक्त संसदीय समिति द्वारा स्टॉक हेरफेर में लगे समूह के आरोपों की जांच की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया है।

केजरीवाल ने मंगलवार को दावा किया कि केंद्र संसदीय जांच की अनुमति नहीं दे रहा है क्योंकि इससे मोदी को परेशानी होगी, अडानी को नहीं। आम आदमी पार्टी प्रमुख ने कहा,  उन्हें भाजपा के ही किसी बड़े नेता ने कहा है कि अडानी केवल मुखौटा है, और सारा पैसा मोदी लगा रहे हैं। अडानी सिर्फ एक प्रबंधक है जिसे 10-20% कमीशन मिलता है।

इसके जबाव में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा सामने आये। उन्होंने कहा कि अपने भ्रष्ट मंत्रियों के जेल में होने से केजरीवाल अब कांग्रेस को बचाने के लिए ऐसे अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। उनकी हताशा इस बात को लेकर है कि केंद्र ने दिल्ली की सरकार के भ्रष्टाचार पर लगाम लगा दिया है। अब वह खुद को बचाने के लिए ऐसे गंदे आरोप लगा रहे हैं।

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