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पुलिस ने सारे बैंक खातों को फ्रीज किया
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दोबारा रिमांड पर भी लेने की तैयारी है
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पर्दे के पीछे से कौन कर रहे थे मदद
राष्ट्रीय खबर
पटनाः तमिलनाडू में बिहारी श्रमिकों पर हमले का फर्जी वीडियो प्रसारित करने के आरोपी यूट्यूबर मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी को कल यानी रविवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इसके पहले शनिवार की देर रात तक उससे पूछताछ की गई। आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम की पूछताछ में कई राज सामने आये है।
ईओयू की एक टीम ने आरोपित के यू-ट्यूब चैनल के बोरिंग रोड स्थित कार्यालय में छापेमारी की, जहां से कुछ डिजिटल साक्ष्यों को जब्त भी किया गया है। इस मामले में मनीष के अलावा अमन कुमार, युवराज सिंह और राकेश रंजन का भी नाम आया है। बिहार पुलिस संदिग्धों की संभावित छिपने की जगहों पर छापेमारी कर रही थी।
इसी बीच मनीष कश्यप के घर की कुर्की होने के बाद वह पुलिस के सामने आया। पुलिस के मुताबिक मनीष कश्यप के बैंक खाते की जमा राशि बिहार पुलिस द्वारा कथित तौर पर फ्रीज कर दी गई है। उनके बैंक खातों में कुल 42।11 लाख रुपए हैं। बिहार पुलिस के अनुसार, उनके एसबीआई खाते में 3,37,496 रुपये, उनके आईडीएफसी बैंक खाते में 51,069 रुपये, उनके एचडीएफसी बैंक खाते में 3,37,463 रुपये और एचडीएफसी बैंक खाते में 34,85,909 रुपये जमा किए गए हैं।
पूछताछ के बाद मनीष कश्यप को रविवार की शाम विशेष न्यायालय के सामने पेश किया गया। न्यायालय ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अब ईओयू सोमवार को न्यायालय में उसे रिमांड पर लेने के लिए अर्जी देगा। सूत्रों की मानें तो उसने कुछ नाम भी उजागर किए हैं। पूछताछ में पता चला कि कुछ लोग अलग-अलग तरीके से उसकी मदद भी कर रहे थे।
ईओयू ने उससे फोटो और वीडियो प्रसारित करने के पीछे के उद्देश्य के बारे में भी पूछताछ की, इस पर उसने जवाब भी दिया। आरोपित के मददगारों की भी पहचान की जा रही है। जल्द ही ईओयू कुछ लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर सकती है। पूछताछ के बाद ईओयू की एक टीम मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में आरोपी के यू-ट्यूब चैनल के आफिस पहुंची।
बोरिंग रोड स्थित उक्त कार्यालय में कंप्यूटर सहित अन्य उपकरणों को की जांच की गई और कुछ डिजिटल साक्ष्यों को जब्त भी किया गया है। सूत्रों की माने तो तमिलनाडु पुलिस भी मनीष कश्यप को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। उसके खिलाफ तमिलनाडु में दो केस दर्ज हैं। रिमांड मिलते ही तमिलनाडु पुलिस अपने साथ लेकर जा सकती है।