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प्रशासनिक बैठक भी करता रहा वहां
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संवेदनशील इलाकों का दौरा भी कर गया
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सरकार ने बुलेटप्रूफ गाड़ी भी उपलब्ध करायी
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः गुजरात के एक ठग को अब जम्मू कश्मीर पुलिस ने पहचान लिया है। वह प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर कई महीनों तक जम्मू कश्मीर सरकार को मुर्ख बनाता रहा। अब जाकर गुजरात के इस ठग किरणभाई पटेल की पहचान सामने आते ही जम्मू-कश्मीर पुलिस के शिकंजे में आ गई है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी किरणभाई ने पिछले साल अक्टूबर से कश्मीर आना शुरू किया था। उन्होंने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय में एक शीर्ष अधिकारी के रूप में पेश किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कई बैठकें भी कीं।
उन्होंने अपनी गिरफ्तारी से पहले प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उरी में आर्टिलरी पोस्ट, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के आसपास के क्षेत्र और श्रीनगर के लाल चौक से सटे इलाके का दौरा भी किया था। उन्होंने एक आलीशान होटल में लंबे समय तक रहने और सरकारी पैसे से खाने की भी व्यवस्था की।
उनकी सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा गार्ड भी नियुक्त किया गया था। इस आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलवामा के उपायुक्त बशीर उल हक और पुलिस अधीक्षक जुल्फिकार आजाद से भी पूछताछ की जा रही है कि इतनी देर से गिरफ्तारी क्यों की गई।
सूत्रों के मुताबिक, गुजरात पुलिस की एक टीम भी जांच में शामिल हुई है। पता चला है कि किरण भाई पटेल की कश्मीर यात्रा के दौरान उनके साथ एक सशस्त्र सुरक्षा गार्ड भी था। इसी बीच उन्हें एक बुलेटप्रूफ महिंद्रा स्कॉर्पियो एसयूवी कार भी दी गई। उसने सरकारी पैसे से एक फाइव स्टार होटल में रात भी गुजारी।
इसी बीच देखने में आया है कि किरण भाई पटेल का ट्विटर अकाउंट बेरीफाइड कर दिया गया है। एक हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। यहां तक कि गुजरात बीजेपी के महासचिव प्रदीपसिंह भागेला भी उन्हें फॉलो करते हैं।
अपने ट्विटर बायो में, किरण का दावा है, उन्होंने वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी से पीएचडी, आईआईएम त्रिची से एमबीए और कंप्यूटर साइंस में एमटेक और बीई कंप्यूटर इंजीनियरिंग की है।
पटेल खुद को विचारक, रणनीतिकार, विश्लेषक और अभियान प्रबंधक बताते हैं। पता चला है कि किरण ने पहली बार फरवरी में घाटी का दौरा किया था। हाल ही में उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इससे पता चला कि वह सैन्य वैन के काफिले के साथ यात्रा कर रहा था। पैरामिलिट्री गार्ड उनकी सुरक्षा के प्रभारी हैं।
उन्हें श्रीनगर के लालचौक में क्लॉक टॉवर के सामने खड़े होकर तस्वीरें खिंचवाते भी देखा गया। पता चला है कि उनके दूसरे कश्मीर दौरे के दौरान प्रशासन सतर्क हो गया था।
जासूसों की रिपोर्ट मिलने के बाद किरण के बैकग्राउंड चेक की गई। किरण को बाद में श्रीनगर के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था। इस बीच, दो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है क्योंकि उन्हें धोखाधड़ी समझ में नहीं आई थी। दूसरी ओर गुजरात पुलिस भी इस जांच में जुटी है।
इस बीच पुलिस का दावा है कि उसके तीन और साथी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के पहले ही भाग निकले। यह सभी प्रधानमंत्री कार्यालय की एक टीम के तौर पर वहां थे। पुलिस के मुताबिक भागने वालों में गुजरात के अमित हितेश पांड्या और जय सीतापारा के अलावा राजस्थान के त्रिलोक सिंह है।