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नदी में सोना मिलने की सूचना पर लगी है भारी भीड़

  • झारखंडी युवक को सबसे पहले मिला सोना

  • कई लोगों ने स्वर्णखंड मिलने का दावा किया

  • इलाके में स्वर्ण रेखा से आये सोना की चर्चा

राष्ट्रीय खबर

कोलकाताः पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिला की एक नदी में सोना मिलने की खबर के बाद वहां मेला सा माहौल है। खबर आग की तरह फैली थी इसलिए आस पास के ग्रामीण इस नदी में बालू छानते नजर आये हैं।

वीरभूम के परकंडी गांव में हुई घटना को लेकर यह हंगामा खड़ा हो गया। स्थानीय लोग करीब तीन दिन से नदी की खोज कर रहे हैं। किसी को टिकली तो किसी को सोने का पेंडेंट मिला। इस बीच, बदमाशों के एक समूह ने मौका पाकर ग्रामीणों को मिले कुछ सोने को लूट लिया, ऐसा भी आरोप है। प

ता चला है कि रविवार की दोपहर सुजान दास नाम का व्यक्ति झारखंड के निकट बीरभूम के मुररई थाना क्षेत्र के परकंडी गांव के बांसलाई नदी में कुछ काम करने गया था। वह झारखंड के कार्तिकपारा का रहने वाला है। उन्होंने सबसे पहले सोना खोजा था।

उन्हें कई झुमके, हार और टिकली मिलीं। उसके बाद नदी में सोना बरामद होने की खबर बिजली की रफ्तार से हर जगह फैल गई। इसके बाद नदी किनारे स्थानीय लोग जमा हो गए। झारखंड और बीरभूम के कई लोग नदी में सोना तलाशने लगे।

परकंडी गांव निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि उसे 135 सोने के छोटी टिकलियां मिली हैं। इसी बीच सोना बरामदगी की घटना का पता चलते ही बदमाशों ने उसे चोरी करने का प्रयास किया।

कथित तौर पर सोना बरामद होने के बाद लोगों के एक समूह ने खुद को पुलिस वाला बताया और स्थानीय लोगों के घर पहुंचे. बरामद सोने को उन्होंने उड़ा दिया। मुरई के ब्लॉक नंबर 1 के तृणमूल अध्यक्ष बिनय घोष ने कहा ‘सोने के लिए इलाके की तलाश की जा रही है। पुलिस को सूचित कर दिया गया है।

इस बीच पुलिस की ओर से यह जानकारी मिली है कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने नदी की तलाशी ली। बीरभूम के पुलिस अधीक्षक भास्कर मुखोपाध्याय ने कहा कि स्थिति पर नजर रखने के लिए इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और पुरातत्व सर्वेक्षण की जानकारी दी गई है।

झारखंड के कार्तिकपारा के निवासियों ने बताया कि 15 साल पहले नदी से सोने से भरे 2 कलश बरामद हुए थे। इन्हें महेशपुर के राजबाड़ी में रखा गया है। लेकिन अब ज्यादातर राजबाड़ी स्वर्णरेखा नदी के पानी में डूब चुकी है। बहुत से लोग सोचते हैं कि सोना नदी में बह गया है। झारखंड के अमरपारा क्षेत्र में जहां स्वर्णरेखा इसी बंशलाई नदी से मिलती है। बहुत से लोग सोचते हैं कि यह सारे स्वर्ण आभूषण स्वर्ण रेखा से बहकर ही यहां आये हैं।

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