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पहली शादी में पुत्रियों को नहीं मिलता अधिकार
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पहली जानकारी मिली तो उसका विरोध काफी
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अब सोशल मीडिया में इसकी सराहना हो रही
राष्ट्रीय खबर
तिरुअनंतपुरमः दक्षिण के अभिनेता सी शुक्कुर और उनकी पत्नी शीना 8 मार्च को दूसरी बार शादी के बंधन में बंधे। वे पहले से ही विवाहित थे। इस बार नये सिरे से विवाह का फैसला दोनों ने अपनी बेटियों को संपत्ति का अधिकार दिलाने के लिए किया था।
दोनों के दोबारा विवाह करने की जानकारी मिलने पर इसका विरोध भी हुआ था लेकिन जब लोगों को इसके असली मकसद की जानकारी मिली तो सभी ने इस फैसले का स्वागत किया।
पता चला है कि इससे पहले वर्ष 1994 में, सी शुक्कुर और शीना की पहली शादी शरिया कानून (मुस्लिम पर्सनल लॉ) के तहत हुई थी। उस कानून के मुताबिक बेटियां अपने पिता की संपत्ति में दो-तिहाई की हकदार होंगी।
यदि दंपति का कोई उत्तराधिकारी नहीं है, तो पिता की शेष संपत्ति उनकी अनुपस्थिति में शुक्कुर भाइयों के पास चली जाएगी। इसी वजह से इस विवाहित जोड़े को फिर से विशेष विवाह अधिनियम के तहत पुनर्विवाह करना पड़ा। इस दूसरी बार की शादी का एकमात्र मकसद यह सुनिश्चित करना था कि उनकी संपत्ति उनके बच्चों को दी जाए।
इस अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति की संपत्ति को भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार विभाजित किया जा सकता है। एक फेसबुक पोस्ट में सी सुक्कुर ने लिखा कि मैं हाल ही में दो बार मौत के मुंह से वापस आया हूं।
उसके बाद मरने के बाद ख्याल शुरू होता है, क्या मेरी बेटियां इस मेहनत को एंजॉय कर पाएंगी? उन्हें मेरी संपत्ति का हिस्सा पूरा मिलेगा या नहीं, तरह-तरह के विचार मेरे दिमाग में चलते रहे।
शरीयत (मुस्लिम कानून) के मुताबिक बेटियां पिता की सारी संपत्ति में हिस्सा नहीं ले सकतीं। यह कानून भी वसीयत लिखने की अनुमति नहीं देता है। इसलिए मैंने दूसरी बार शादी कर ली। भारत के संविधान में लड़के और लड़कियों में कोई भेद नहीं है। लड़कियों के भविष्य को लेकर यह मेरा फैसला है। सामाजिक स्तर पर इस फैसले की प्रशंसा हो रही है।